विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था PAU, Ludhiana
पंजाब
2020-09-10 15:40:22

PAU Advisory for Dairy Farming and Poultry

डेयरी फार्मिंग- 

स्वस्थ पशु ब्याने के 50-60 दिनों के बाद गर्मी में आते हैं। ऐसे पशुओं में गर्मी के लक्षण दिखाई देने पर अच्छी तरह से निगरानी करें और आस करवाएं या गर्भाधान का टीका लगाएं ताकि दो ब्याने के बीच के अंतर को कम किया जा सके। ब्याने के बाद पशुओं का भार काम होता है जिसकी वजह से हीट में ।  इसलिए उनको संतुलित भोजन और उनकी सही देखभाल होनी चाहिए। कटड़ों-बछड़ों के नीचे सूखा बिछा दें और समय पर पेट के कीड़ों रहित टीकाकरण करें और सींग दाग दीजिये। चीचड़ से बचाव करने के लिए Asuntol(1 ग्राम प्रति लीटर पानी) या Butox 0.2 प्रतिशत (2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) या टोकटिक (12.5 प्रतिशत) 0.2 प्रतिशत पशुयों और शेड में स्प्रे करें। 6 महीने से कम उम्र के पशुओं पर स्प्रे न करें। स्प्रे करने के समय कंपनी की शर्ते जरूर पढ़े और पालन करें। मक्खियों से बचाव के लिए शेड और आस-पास में सफाई जरूर रखें। सरा रोग के बचाव के लिए जल्दी से जल्दी डॉक्टर से सम्पर्क करें क्योंकि यह बीमारी मक्खियों से फैलती है। इसलिए मक्खियों से बचाव के लिए स्प्रे करें। पशुओं को समय-समय पर पेट के कीड़ों से बचाने के लिए समय-समय पर मल्ल्प रहित करना चाहिए। लेवटी की सूजन/ मीठे के रोग से बचाने के लिए थनों को 100 मिलीलीटर पोवीडीन+20 मिलीलीटर ग्लीसरीन में जरूर डुबोना चाहिए।

मुर्गी पालन- अंडों की पैदावार में रौशनी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मुर्गियों को 14-16 घंटे (दिन की रौशनी मिलाकर) रौशनी देनी चाहिए और शुरू होने के बाद यह रौशनी धीरे-धीरे बढ़ानी चाहिए। अंडे का छिलका पतला न हो इसके लिए पत्थर की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। सप्ताह में नीचे बिछाये सूखे को 2-3 बार हिलाना चाहिए ताकि सूखी रह सके। मीट वाले चूज़े पालने के लिए यह मौसम बहुत ही अच्छा है। कोई भरोसेयोग्य मछली पालने वाली हैचरी से चूज़े लें। चूहों को शेड में आने से रोकने के उपराले करें ताकि खुराक के नुक्सान को रोका जा सके।