द्वारा प्रकाशित किया गया था Punjab Agricultural University, Ludhiana
पंजाब
2021-09-17 12:06:18
In this way, prevent diseases affecting cotton, maize and sugarcane crop
नरमा- कपास के खेत में सफेद मक्खी के फैलाव को रोकने के लिए खाली जगह, सड़क के किनारो और मेंढ़ और खाली जमीन में से सफेद मक्खी के बदलते नदीन को खत्म करें और लगातार सर्वेक्षण करते रहें और जरुरत अनुसार इसकी रोकथाम करें।
नरमे के खेत से पत्ता लपेट विषाणु के साथ प्रभावित पौधे को समय-समय पर उखाड़ कर दबा दें। बरसात के बाद उल्ली के धब्बे का हमला हो सकता है इसके बचाव के लिए 200ml amistar top को 200 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
गुलाबी सूंडी की रोकथाम के लिए सटिका/ डैल्टा ट्रैप का प्रयोग करें जिसमें कम से कम 10 माइक्रो लीटर फेरोमोन प्रति लिओर (गॉसिपलोर) हो और इसे फसल से 15cm ऊंचा रखें। लिओर को 15 दिनों के बाद बदलें और एक ट्रैप प्रति हैक्टेयर प्रयोग करें।
गन्ना- गन्ने की फसल के नजदीक बरु के पौधे उखाड़ दें क्योंकि इन पौधों से जू कमाद की फसल पर फैलती है।
गन्ने के घोड़े की रोकथाम के लिए 600ml क्लोरोपाइरीफोस 20 EC 400 लीटर पानी प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
मक्की- मक्की की फसल का छेदक पर रोकथाम के लिए 30ml कोराजन 18.5 SC को 60 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव साफ मौसम होने पर करें। इस सूंडी की रोकथाम परजीवी कीट ट्राइकोग्रामा द्वारा भी की जा सकती है।
दाढ़ी वाली फसल पर फाल आर्मीवरम की रोकथाम के लिए 0.4 ml कोराजन 18.5 SC या 0.5ml डेलीगेट 11.7 SC या 0.4gm मिज़ाइल 5 SC प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव साफ मौसम होने पर करें। कीट की कारगर रोकथाम के लिए छिड़काव मक्की की गोभ की तरफ करें।