मधु मक्खी पालन: शहद की मक्खियों के बक्से का निरीक्षण करते रहें और बक्से में से पका हुआ शहद निकाल लें। वरोआ चिचड़ी का हमला दिखाई देते ही एग्जोलिक एसिड का घोल तैयार करके सप्ताह के अंतराल पर 3 बार शाम को स्प्रे करें। स्टोर किये हुए अधिक छत्ते को मोमी कीड़े से बचाव के लिए आवश्यक प्रबंध करें। रानी मक्खी तैयार करने के लिए माहिरों की सलाह लें।