द्वारा प्रकाशित किया गया था State Agro-Meteorological Centre, Jaipur
पंजाब
2020-10-21 12:38:09
IMD Advisory for Jodhpur, Rajsthan farmers
कोरोना के गंभीर फैलाव को देखते हुए किसानों को सलाह है कि कृषि कार्यों के दौरान मास्क का उपयोग, साबुन से उचित अंतराल पर हाथ धोना तथा एक दूसरे से सामाजिक दुरी बनाये रखने पर विशेष ध्यान दें। वर्षा की संभावना के कारण किसान को सलाह दी जाती है कि कटाई की गई खरीफ फसलों की उपज को सुरक्षित स्थान पर रखें।
गेहूं- गेहूं की बुबाई हेतु खाली खेतों को तैयार करें तथा उन्नत बीज व खाद की व्यवस्था करें। सामान्य बुबाई के लिए उन्नत किस्में- Raj-3077, WH-147, GW-322, GW-273, HI-1544, Raj-4037, HI-8498, Lok-1 और Raj-3765. बीज की मात्रा 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।जिन खेतों में दीमक का प्रकोप हो तो Chlorpyriphos (20 EC) @ 5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से पलेवा के साथ दें। नेत्रजन, फास्फोरस तथा पोटाश उर्वरकों की मात्रा 120, 50 व 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर होनी चाहिए।
सरसों- सरसों के खरपतवार नियंत्रण हेतु बुबाई के बाद और अंकुरण से पहले आक्सडायरजिल 90 ग्राम या पेंडीमैथेलीन एक किलोग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर की दर से 700 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
चना- चने की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए बुबाई से पहले fluchloralin आधा किलोग्राम 750 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें।
लहसुन- तापमान को ध्यान में रखते हुए किसान इस समय लहसुन की बुबाई कर सकते है।बुबाई से पूर्व मुद्रा में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें। उन्नत किस्में: G-1, G-41, G-50, G-282. खेत में देसी खाद और फास्फोरस उर्वरक अवश्य डालें।
भंडारण- खरीफ फसल की कटाई के बाद फसल को 2 से 3 दिन खेत में सुखाकर गहाई कर लें। उसके बाद दानों को अच्छी तरह से धुप में सूखा लें। भंडारण के पूर्व दानों में नमी 12 प्रतिशत से कम होनी चाहिए। वर्षा की स्थिति में फसल को सूखने के लिए छाया में रखें।