
How and when to start the beekeeping?

शहद मक्खी पालन करने का यह अनुकूल समय है। इस महीने बहुत फूल प्राप्त होने और मौसम ठीक होने के कारण ब्रूड पड़ता है और इसके लिए कटुंबों की बलत में तेज़ी से वृद्धि होती है। इसलिए इन कटुंबों की संख्या बढ़ाने के लिए भी अनुकूल समय है। कटुंबों की संख्या में वृद्धि उनकी अच्छी तरह विभाजन करके या समूहिक रानी मक्खियां तैयार करके किया जा सकता है। यह समय पुरानी रानी मक्खियों को बदलने के लिए भी अनुकूल है और इस उद्देश्य के लिए आवश्यक रानी मक्खियां किसी अच्छे रवे के कटुंबों से व्यापारिक स्तर समकाली समूहिक रानी मक्खियां तैयार करने वाले तरीके को अपनाकर तैयार की जा सकती हैं। मार्च महीने के शुरू में ही कटुंबों की हिज़रत सफेदे के वृक्ष के नजदीक कर देनी चाहिए। इस हिज़रत से पहले मक्खियों के द्वारा सरसों के इकट्ठा किया शहद निकाल लें। यदि कटुंबों में मक्खियों की बलता अधिक है तो कटुंबों को ओर छत्ते, बुनियादी शीटें लगी फ्रेम या सुपर चेंबर के रूप में ओर जगह दें। स्वार्म के प्रति सावधान रहें और इसकी रोकथाम के लिए सिफारिश के अनुसार योग प्रबंध करें। ब्रूड को बाहरी परजीवी माइट ट्रोपलीलेप्स क्लैरी के हमले से बचाव के लिए छत्तों के ऊपरी डंडे के ऊपर सल्फर का पाउडर एक ग्राम प्रति छत्ते के हिसाब से डालें। अनुकूल बदलाव के तौरपर फार्मिक एसिड (85%) की राख 5 मिलीलीटर रोज़ाना के हिसाब से लगातार 2 हफ्ते प्रयोग करें। फार्मिक एसिड व्रोया चिचड़ी की रोकथाम के लिए फायदेमंद है, पर इसे नेक्टर की आमद के समय प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऑग्जेलिक एसिड का चीनी के घोल (60 प्रतिशत) में तैयार किया 4.2 प्रतिशत घोल, 5 मिलीलीटर हर 2 छत्तों के बीच देर शाम को सप्ताह-सप्ताह के अंतराल पर 3 बार प्रयोग करना भी व्रोया चिचड़ी की रोकथाम के लिए फायदेमंद है। व्रोया चिचड़ी का हमला होने की स्तिथि में सील ड्रोन ब्रूड वाले छत्ते हिस्सों को काटकर नष्ट करना, चिचड़ी को ड्रोन ब्रूड वाले छत्तों पर ट्रैप करके इन्हे नष्ट करना, पीसी चीनी मक्खियों के ऊपर डालना, बॉटम बोर्ड पर चिपकने वाला कागज़ (स्टीकर) रखना और जालीदार व्रोया बॉटम बोर्ड प्रयोग करना, आदि गैर रसायनिक तरीके इस चिचड़ी की रोकथाम के लिए सहायक होते हैं। ब्रूड बिमारियों के बारे में सुचेत रहें और इनका संदेह होने की स्तिथि में माहिरों की सलाह लें और अपेक्षित रोकथाम करें, गैर रसायनिक तरीकों को पहल देनी। आम मुहारे ऐंटीबायोटिक का प्रयोग ना करें। कटुम्बों में फासला रखकर और शहद सिर्फ सुपर में से निकालकर, जोकि रानी उन्नत जाली द्वारा ब्रूडर चैंबर से अलग किए हो, शहद मक्खी फार्म में चिचड़ी और ब्रूडर बिमारियों के फैलाव को रोका जा सकता है।
माहिर कमेटी
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