गेहूं- समय पर बोई जाने वाले गेहूं की फसल का बुबाई के लिए उपयुक्त समय है। फफूंद रोग के विरुद्ध 2.5 ग्राम बावस्टिन या सेविन प्रति किलोग्राम बीज का उपचार बुबाई से पहले करना चाहिए। गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवार के 2 से 3 पानी पत्ती अवस्था में अनुशंसित रसायनों का छिड़काव करें।
दलहनी- निचले क्षेत्रों में किसान चने की बुबाई इस सप्ताह कर सकते है। बुबाई से पूर्व मुद्रा में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें, चने में झुलसा रोग से बचाव के लिए बीज का Dithane M 45 (2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज) से उपचार करें। मसर की बिजाई अक्टूबर अंत में करें बीजों को राइजोबियम और PSB के टीकों से अवश्य उपचार करें।
तोरिया- तोरिया के खेतों को खरपतवार रहत रखें और सिंचाई की सुविधा हो तो सिंचाई करें। समय पर बोई गई सरसों की फसल में छटाई और निराई की सिफारिश की जाती है।