विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था GKMS, UNA
पंजाब
2020-10-29 12:04:07

GKMS,UNA की तरफ से किसानों के लिए परामर्श

धान- धान कटाई के लिए तैयार है। कटाई के बाद फसल को 2 से 3 दिनों के लिए खेत में सुखाना चाहिए और उसके बाद थ्रेसिंग करनी चाहिए। गहाई कर ठीक से सूखाकर और उचित अनाज नमी पर स्टोर करें। यह करना घुन से सुरक्षा करता है। पिछली फसल के सभी अनाज और अन्य भंडारण पदार्थ को हटाकर गोदामों को अच्छी तरह से साफ़ करें। खेतों में चूहों के नियंत्रण के लिए जिंक फास्फाइड चारा और में पानी भी डालते है। 

दलहनी- निचले क्षेत्रों में किसान चने की बुबाई इस सप्ताह कर सकते है। बुबाई से पूर्व मुद्रा में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें, चने में झुलसा रोग से बचाव के लिए बीज का डाईथेन एम -45 (2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज) से उपचार करें। मसर की बिजाई अक्टूबर अंत में करें।    

तोरिया- तोरिया की फसल 3 सप्ताह की होने पर घने पौधों को निकाले तथा पौधों की परस्पर दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर रह जाए।खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई करें।सरसों की बुबाई का समय है। बुबाई से पूर्व मुद्रा में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें। 

 

रबी फसलें- अगेती रबी फसलों की तैयारी के लिए खेत की जुताई के तुरंत बाद पाटा अवश्य लगाएं ताकि मिट्टी से नमी का ह्रास न हो रबी की फसलों की बुबाई से पहले खेत में सड़े गोबर की खाद का उपयोग करें क्योंकि यह मुद्रा के भौतिक तथा जैविक गुणों को सुधारती है तथा मुद्रा की जल धारण छमता भी बढ़ती है।बुबाई से पूर्व मृदा में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें।गेहूं की अगेती बुआई अक्टूबर के दूसरे पखवारे में कर सकते है सही किस्मों का चयन करें और एक हेक्टेयर के लिए 100 किलो बीज का प्रबंध करें।