धान- धान कटाई के लिए तैयार है। कटाई के बाद फसल को 2 से 3 दिनों के लिए खेत में सुखाना चाहिए और उसके बाद थ्रेसिंग करनी चाहिए। गहाई कर ठीक से सूखाकर और उचित अनाज नमी पर स्टोर करें। यह करना घुन से सुरक्षा करता है।
तोरिया- तोरिया की फसल 3 सप्ताह की होने पर घने पौधों को निकाले तथा पौधों की परस्पर दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर रह जाए।खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई करें।
रबी फसलें-
अगेती रबी फसलों की तैयारी के लिए खेत की जुताई के तुरंत बाद पाटा अवश्य लगाएं ताकि मिट्टी से नमी का ह्रास न हो रबी की फसलों की बुबाई से पहले खेत में सड़े गोबर की खाद का उपयोग करें क्योंकि यह मुद्रा के भौतिक तथा जैविक गुणों को सुधारती है तथा मुद्रा की जल धारण छमता भी बढ़ती है।
गेहूं की अगेती बुआई अक्टूबर के दूसरे पखवारे में कर सकते है सही किस्मों का चयन करें और एक हेक्टेयर के लिए 100 किलो बीज का प्रबंध करें।सरसों की बुबाई का समय है। बुबाई से पूर्व मृदा में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें।