विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था PAU, Ludhiana
पंजाब
2020-08-07 12:44:39

Fodder Production Advisory from PAU

फलीदार और गैर फलीदार चारे मिलाकर बिजाई करें। ऐसा करने से पौष्टिकता बढ़ती है। मक्की+ग्वार/लोबिया को मिलाकर बिजाई करें। ज्यादा कटाई वाले चारे की फ़सल में पानी खड़ा न होने दें और 30 किलो नाइट्रोजन (66 किलो यूरिया) प्रति एकड़ कटाई के बाद डालें। मक्की, चरी, बाजरा में इटसेट को रोकने के लिए उगने से पहले Atrataf 800 ग्राम, 400 ग्राम और 200 ग्राम का प्रति एकड़ के हिसाब क्रमवार 15 अगस्त से पहले छिड़काव करें क्योंकि इसके बाद बोई जाने वाली फ़सल पर Atrataf का बुरा असर आता है। चारे वाली मक्की की जब दोधी अवस्था हो, बाजरा की जब झंडे की अवस्था हो, नेपियर बाजरा और गिन्नी घास जब कि 1 मीटर ऊंचे हों और चरी जब फूलों की अवस्था में हो, कटाई कर लें। ऐसा चारा डालने से दूध उत्पादन में विकास होता हैं। ज्यादा चारे का आचार बनाकर मुश्किल समय के लिए बचा लें।