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द्वारा प्रकाशित किया गया था गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2022-12-28 11:58:33

Fish Farming- Winter Care Tips by Vet Varsity Expert

मछली पालन: मछलियां ठंडे खून वाला जीव होती हैं इसलिए सर्दियों में इनकी खास देखभाल की ज़रूरत होती है। इस मौसम में इनकी रोगों से बचने की क्षमता भी कम हो जाती है जिससे रोग के आक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह जानकारी गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के फिशरीज कॉलेज के डीन डॉ.मीरा डी. आंसल ने दी। उन्होंने कहा कि इस मौसम में मछली वाले तालाबों में पानी की ऊपरी सतह का तापमान निचली सतह से कम होता है, इसलिए मछलियां निचले पानी में रहना चाहती हैं। इसलिए सर्दियों के मौसम में तालाबों में कम से कम 6 फीट पानी होना चाहिए ताकि मछली पानी के नीचे की गर्म सतह में आराम से रह सके। सर्दियों में दिन छोटे होते हैं और रौशनी कम होती है। इससे पानी में ऑक्सीजन की मात्रा भी कम हो जाती है, कई बार बादल छाए रहने से स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। इसलिए ऐसे मौसम में तालाबों में ताजा पानी डालते रहना ज़रूरी है। यदि तालाबों के किनारे वृक्ष हों तो उन वृक्षों की छटाई कर देनी चाहिए और उनके गिरे हुए पत्तों को तालाब से बाहर निकालने का प्रयास करना चाहिए। यह भी देखा गया है कि इस मौसम में कई परजीवी और फंगस आदि मछलियों को नुकसान भी पहुंचाते हैं, जिसके लिए ज़रूरी और सही दवाई डॉक्टर की सलाह से लेनी चाहिए। प्रति एकड़ 1-2 किलोग्राम लाल दवाई डालकर तालाब को साफ रखना चाहिए।

मछलियों की खाने की क्षमता भी कम हो जाती है और वे भोजन की पूरी मात्रा का उपभोग नहीं कर पाती हैं और यह तालाब के तल में बैठ जाती है, जिससे तालाब के पानी की गुणवत्ता भी खराब हो जाती है, इसलिए फ़ीड की मात्रा भी कम कर दी जाती है। पानी में उगने वाली काई या वनस्पति को नियमित रूप से साफ करना चाहिए। तालाब में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए एरेटर भी चलाना चाहिए। पानी का खारापन और तेज़ाबी पानी की जाँच भी करवानी चाहिए। इस परीक्षण से हम इन प्रजातियों को पानी में संतुलित कर सकते हैं। डॉ. मीरा ने कहा कि मछली पालन करने वाले इन बातों का उपयोग कर अपने आर्थिक लाभ को बनाए रख सकते हैं और मछली की सेहत और उत्पादन को भी ठीक कर सकते हैं।