द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2020-01-14 10:16:22
Experts' suggestions for dairy farming in winters
पशुओं को मुँह खुर की बीमारी से बचाव के लिए टीके लगवाएं और 6 महीने के बाद फिर लगवाएं। रात के समय पशुओं को अंदर रखें और दिन के समय धुप में बांधें। यदि ज़रूरत हो तो शेड को चारो तरफ से ढक सकते हैं। ज़्यादा ठंड में पशुओं के ऊपर कपड़ा भी डाल सकते हैं। पशुओं का दूध निकालने के बाद थनों के ऊपर दूध ना लगाएं। फ़टे हुए या ज़ख़्मी थनों को गलिसरीन और आयोडीन (1:4) के घोल में डुबोकर ठीक किया जा सकता है। नवजात कटड़े-बछड़े ठंड में निमोनिया के शिकार हो जाते हैं और ज्यादातर मौत इसी वजह से होती हैं। उन्हें साफ़ और सूखी जगह पर बांधें। पशुओं को अफारे से बचाने के लिए काटी हुई बरसीम में तूड़ी मिलाकर खिलानी चाहिए। पशुओं को अकेली पराली ना डालें।