
Expert's suggestion for vegetable farmers for September Month

सब्जियों के खेती करने वाले किसानों के लिए सुझाव निम्नलिखत अनुसार है:
आलू : यह महीना आलू की अगेती किस्मों के लिए अनुकूल है। महीने के पहले पखवाड़े स्टोर में से बीज निकाल दें और इसे हवादार कमरे में जहाँ रौशनी कम हो पतली तह में बिछा दें। इन्हे दिन में एक बार हिलाएं और अंकुरण हुए हिस्से जब 0.5 से 1.0 सेंटीमीटर तक लंबे हो जाएं उस समय बिजाई करें। बीमारी रहित नए बीजों का प्रयोग करें। आलुओं के खरींद रोग की रोकथाम के लिए बिजाई से पहले बीज को 0.25 प्रतिशत मोनसरन (2.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) के घोल में 10 मिनट के लिए भिगोकर उपचार कर लें। बिजाई समय 80 किलो यूरिया, 155 किलो सिंगल सुपर फास्फेट और 40 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश प्रति एकड़ के हिसाब से डालें। खेत में 20 टन रूडी या हरी खाद डालें। नदीनों की रोकथाम के लिए गरैमोक्सोन 500 मिलीलीटर प्रति एकड़ जब बहुत से नदीन उग आये हों और आलुओं की फसल केवल 5-10 प्रतिशत उगी हो तो छिड़काव करें। 200-300 लीटर पानी नैपसैक पंप के लिए और 100 लीटर पानी मोटर वाले पंप के लिए प्रति एकड़ प्रयोग करें।
मटर : यदि खेत में मटर की बिजाई पहली बार करनी है तो 45 किलो बीज जल्दी पकने वाली किस्में ए पी-3, अगेता-6, मटर अगेता-7 या अरक्ल मटर को राइजोबियम के टीके से उपचार करें। बिजाई के समय 45 किलो यूरिया और 155 सिंगल सुपर फास्फेट प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें। बिजाई वतर वाली ज़मीनों में करें। मटरों के उखेड़े और जड़ गलने की रोकथाम के लिए जड़ गलने की रोकथाम के लिए अगेती बिजाई ना करें। तने की मक्खी स फसल को बचाने के लिए बिजाई के समय 10 किलो फ्यूराडॉन 3 जी प्रति एकड़ कियारियों में डालें।
लहसुन : इस महीने के दूसरे पखवाड़े में गली सड़ी रूडी की खाद 20 टन प्रति एकड़ डालकर अच्छी तरह मिट्टी में मिला दें। फसल को 40 किलो यूरिया और 155 किलो सिंगल सुपर फास्फेट प्रति एकड़ के हिसाब से बिजाई के समय डालें। 225 से 250 किलो लहसुन का बीज मेड़ों के ऊपर लगा दें। पंक्तियों का फासला 15 सेंटीमीटर और पौधों का फासला 7.5 सेंटीमीटर होना चाहिए। बिजाई के बाद उसी समय पानी दें।
पालक : पालक की पंजाब ग्रीन किस्म का 4-6 किलो बीज प्रति एकड़ के हिसाब से डालें। बीज को कतारों में 20 सेंटीमीटर का फासला रखकर 3-4 सेंटीमीटर गहराई वतर ज़मीन में बिजाई करें। फूलगोभी और गोभी की फसलें: 45 किलो यूरिया, 155 सिंगल सुपर फास्फेट और 40 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश खाद प्रति एकड़ डालें। फिर मेड़ों पर 4 से 6 सप्ताह की पनीरी लगा दें। पिछेती गोभी के लिए पूसा स्नोबॉल के-1/पूसा स्नोबॉल 1/ किस्म का 250 ग्राम बीज एक मरले में एक एकड़ की पनीरी तैयार करने के लिए बिजाई करें।
जड़दार सब्जियां : मूली की देसी किस्में पंजाब सफेद मूली-2(पंजाब पसंद), शलगम (एल-1) और गाजर (पंजाब ब्लैक ब्यूटी पंजाब कैरट रेड और पी सी-34) की बिजाई शुरू कर दें। मूली और गाजर का 4-5 किलो और शलगम का 2-3 किलो बीज प्रति एकड़ डालें। पक्तियों में 45 सेंटीमीटर और पौधों में फासला 7.5 सेंटीमीटर रखें। जड़दार सब्जियों की मेड़ों पर बिजाई करने से बढ़िया वृद्धि, उपज ज़्यादा और पुटाई आसान होती है।
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