विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2020-02-06 10:20:09

Experts' suggestion for beekeeping

मध्य फरवरी तक सर्दी बहुत कम हो जाती है। इस महीने सरसों जाति और सफेदे का फूल काफी मिलता है। आड़ू और नाशपाती भी फूलों पर होते हैं। यह महीना शहद मक्खी कुटुबों की वृद्धि के लिए और शहद मक्खी पालन का काम शुरू करने के लिए बहुत ही उपयुक्त है। मध्य फरवरी के बाद यदि सर्दी कम हो गई है तो सर्दी की पैकिंग निकाल दें। हाइव की सफाई करें। किसी धुप वाले दिन दोपहर के समय कुटुबों का निरीक्षण करके खुराक, ब्रूड की मौजूदगी और समस्या और रानी मक्खी के प्रदर्शन संबंधी निरीक्षण करें। कमज़ोर कुटुबों को एक दुसरे से और रानी रहित कुटुबों को रानी वाले कुटुबों से जोड़ दें। ज़रूरत हो तो चीनी के घोल की उत्तेजक खुराक (चीनी: पानी= 1 : 2) दें। तरजीह के आधार पर ये खुराक बने हुए छत्तों में दें या यह यह खुराक डिवीज़न बोर्ड फीडर में दें। रानी मक्खी के अंडे देने और कामा वाली मक्खियों की काम की रफ्तार के अनुसार अन्य तैयार छत्तों या कामा ब्रूडर के सेलों के प्रिंट वाली मोमी शीटें लगाकर फ्रेम दें। ज़रूरत के अनुसार कुटुबों को सुपर चैंबर दें जिसमें नई फ्रेमों पर शहद की मक्खियों के प्रदर्शन उत्तेजित करने के लिए शहद वाले छत्ते भी साथ में दें। शहद मक्खी फार्मों के सभी कुटुबों को पराग और शहद, ब्रूडर और बलता के आधार पर उचित विधि द्वारा एक दुसरे के बराबर करें। ब्रूडर को बाहरी परजीवी चिचड़ी( ट्रॉपीलीलैप्स क्लेरी) के हमले से बचाने के लिए छत्तों के ऊपर के डंडों पर सल्फर का पाउडर एक ग्राम प्रति छत्ते के हिसाब से छिड़काव करें। उपयुक्त परिवर्तन के रूप में फार्मिक एसिड (85%) 5 मिलीलीटर रोज़ाना के हिसाब से लगातार 2 सपताह प्रयोग करें। फार्मिक एसिड वरोआ चिचड़ी की रोकथाम के लिए फायदेमंद है पर इसे आमद के समय ना प्रयोग करें। वरोआ चिचड़ी का ज़्यादा हमला होने की स्तिथि में सील ड्रोन ब्रूड वाले छत्तों को काटकर नष्ट करना, चिचड़ी को ड्रोन ब्रूड वाले छत्तों में फसाकर इन्हे नष्ट करना, महीन पीसी हुई चीनी मक्खियों के ऊपर छिड़कना, बॉटम बोर्ड के ऊपर चिपकने वाला कागज़ (स्टिकर) रखना और जालीदार बॉटम बोर्ड प्रयोग करना आदि गैर रासायनिक तरीके में चिचड़ी की रोकथाम के लिए सहायक होते हैं। ऑग्जेलिक तेज़ाब (60 प्रतिशत चीनी और पानी के घोल में 4.2 प्रतिशत ऑग्जेलिक तेज़ाब का घोल) का 5 मिलीलीटर प्रति छत्ते के हिसाब से छत्तों के ऊपर छिड़काव या यही मात्रा 2 छत्तों के बीचे सृंज से देर शाम को सप्ताह-सप्ताह के अंतराल पर तीन बार डालना इस चिचड़ी की रोकथाम के सहायक है। ब्रूडर बिमारियों के प्रति सुचेत रहें और इनके होने के छक के मामले में माहिरों की सलाह लें और बताये हुए सुझाव पर प्रयास करें। गैर-रासायनिक तरीकों को तरजीह दें। एंटीबायोटिक के प्रयोग से परहेज करें। फरवरी के अंत में पुरानी रानियों को तब्दील करने के लिए और कुटुबों को विभाजन करने के लिए (संख्या बढ़ाने के लिए) या कुटुबों को बेचने के लिए अपेक्षित ज़्यादा रानी मक्खियों को तैयार करने के लिए कुटुबों की तैयारी शुरू की जा सकती है। रानी मक्खियां तैयार करने के लिए तरजीह के तौरपर अधिक समकाली रानियां तैयार करने की डूलिटल तकनीक अपनाएं और ग्राफ्टिंग के लिए कामा सुंडियां चयन किये मियारी ब्रीडर कुटुबों से ही लें। कुटुबों के स्वार्म की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाएं। जिन प्रवासी शहद मक्खी पालकों ने अपने मक्खी फार्म सरसों/राया पर लगाए हो, वह पका शहद निकाल सकते हैं। इसके बाद शहद मक्खी कुटुबों की सफेदे से शहद लेने की लिए तैयारी करें।