द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2019-09-14 09:52:13
Experts' advice for vegetable farming in the month of September
सब्जियों की खेती के लिए माहिरों के सुझाव इस प्रकार हैं:
आलू : यह महीना आलू की अगेती किस्मों के लिए अनुकूल है। महीने के पहले पखवाड़े स्टोर में से बीज निकाल लीजिये और इसे हवादार कमरे में जहाँ रौशनी कम हो पतली तह में बिछा दें। इन्हे दिन में एक बार हिलाएं और अंकुरण हिस्से जब 0.5 ਤੋਂ 1.0 सेंटीमीटर तक लम्बे हो जाये उस समय बिजाई करें। बीमारी रहित नरोया बीज प्रयोग करें। आलुओं के खरींड रोग की रोकथाम के लिए बिजाई से पहले बीज को 0.25 प्रतिशत मोनसरन (2.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) के घोल में 10 मिंट के लिए भिगोकर उपचार कर लें। बिजाई के समय 80 किलो यूरिया, 155 किलो सिंगल सुपर फास्फेट और 40 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश प्रति एकड़ के हिसाब से डालें। खेत में 20 टन रूडी या हरी खाद डालें। नदीनों की रोकथाम के लिए ग्रैमोक्सोन 500 मिलीलीटर प्रति एकड़ जब बहुत से नदीन उग आये हो और आलूयों की फसल केवल 5-10 प्रतिशत तक उगी हो तो छिड़काव करें। 250-300 लीटर पानी नैपसैक पंप के लिए और 100 लीटर पानी मोटर वाले पंप के लिए प्रति एकड़ प्रयोग करें।
मटर : यदि मटर की बिजाई खेत में पहली बार करनी है तो 45 किलो बीज जल्दी पकने वाली किस्में ए पी-3, अगेता-6, मटर अगेता-7 या अरक्ल मटर को राइज़ोबियम के टीके के साथ उपचार करें। बिजाई के समय 45 किलो यूरिया और 155 किलो सिंगल सुपर फास्फेट प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें। बिजाई वतर ज़मीनों में करें। मटरों के उखेड़े और जड़ के गलने की रोकथाम के लिए अगेती बिजाई ना करें। तने की मक्खी से फसल के बचाव के लिए बिजाई समय 10 किलो फ्यूराडॉन 3 जी प्रति एकड़ कियारियों में डालें।
लहसुन : इस महीने के दुसरे पखवाड़े में गली सड़ी रूडी की खाद 20 टन प्रति एकड़ डालकर अच्छी तरह से मिट्टी में मिला दें। फसल को 40 किलो यूरिया और 155 किलो सिंगल सुपर फास्फेट प्रति एकड़ के हिसाब से बिजाई के समय डालें। 225 से 250 किलो लहसुन की बीज मेड़ों के ऊपर दबा दें। कतारों का फासला 15 सेंटीमीटर और पौधों का फासला 7.5 सेंटीमीटर होना चाहिए। बिजाई के उसी समय बाद पानी दें।
पालक : पालक की पंजाब ग्रीन फसल 4-6 किलो बीज प्रति एकड़ के हिसाब से डालें। बीज को कतारों में 20 सेंटीमीटर का फासला रखकर 3-4 सेंटीमीटर गहरी ज़मीन में बिजाई करें।
फूलगोभी और अन्य गोभी की किस्में : 45 किलो यूरिया, 155 किलो सिंगल सुपर फास्फेट और 40 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश खाद प्रति एकड़ डालें। फिर मेड़ों पर 4 से 6 सप्ताह की गोभी की तैयार पनीरी लगा दें। पिछेती गोभी के लिए पूसा स्नोबॉल के-1/पूसा स्नोबॉल-1 किस्म का 250 ग्राम बीज एक मरले में एक एकड़ की पनीरी तैयार करने के लिए बिजाई करें।
जड़दार सब्जियां : मूली की देसी किस्में पंजाब सफेद मूली-2 (पंजाब पसंद), शलगम (एल-1) और गाजर (पंजाब ब्लैक ब्यूटी पंजाब कैरट रेड और पी सी-34) की बिजाई शुरू कर दें। मूली और गाजर का 4-5 किलो और शलगम का 2-3 किलो बीज प्रति एकड़ डालें। कतारों में 45 सेंटीमीटर और पौधों में फासला 7.5 सेंटीमीटर रखें। जड़दार सब्जियों के मेड़ों पर बिजाई करने से बढ़िया वृद्धि, उपज ज़्यादा और पुटाई आसान होती है।