विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2019-11-27 14:51:24

Experts' advice for vegetable farming in December

पीएयू के माहिरों की तरफ से सब्जियों की खेती के लिए बताये गए सुझाव नीचे दिए अनुसार हैं:

  • आलू: बीज वाली फसल में, मध्य दिसंबर के बाद आलुओं को पानी देना बंद कर दें ताकि पतराल सूख जाये। महीने के अंत में यदि 100 पत्तों पर 20 तेले दिखाई दें तो पतराल काट दीजिये। आलुओं को धरती के नीचे विकसित होने दें। पिछेते झुलस रोग की रोकथाम के लिए आलुओं की नई फसल पर इंडोफिल एम-45 का छिड़काव करें। यदि बीमारी का हमला ज़्यादा हो तो रिडोमिल गोल्ड या करजट एम 8 या सैक्टिन या इकुयेशन प्रो या रीव्स या मैलोडी डुओ का छिड़काव करें।
  • टमाटर: इस महीने के पहले पखवाड़े में टमाटरों की पनीरी लगा दें। प्लास्टिक शीट/सरकंडा/काही/पराली आदि बांधकर पौधों को कोहरे से बचाएं। छोटे कद के पौधे को कोहरे से बचाने के लिए 100 गज़ की मोटी सफेद प्लास्टिक की थैली (35×25 सेंटीमीटर) प्रयोग की जा सकती है। एक एकड़ के लिए 25 किलो ऐसे लिफ़ाफ़े आवश्यक हैं जो 2-3 साल प्रयोग किये जा सकते हैं।
  • मूली, शलगम और गाजर: मूली, शलगम और गाजर की यूरोपीय किस्मों की बिजाई इस महीने के पहले सप्ताह खत्म कर दीजिये। बीज की फसल लेने के लिए डक लगा दें। बीज के लिए फसल के डक लगाने से पहले 35 किलो यूरिया और 50 किलो सिंगल सुपर फास्फेट प्रति एकड़ के हिसाब से डालें। बिजाई के समय डक कतारों में लगाएं। कतारों और पौधों का फासला मूली के लिए 60×22 सेंटीमीटर, शलगम के लिए 45×15 सेंटीमीटर और गाजर के लिए 45×30 सेंटीमीटर रखें।
  • गोभी: उपचार किये हुए बीज उत्पादन के लिए बढ़िया और बड़े फूल का चयन करें और बाकि के खुले दानेदार और पत्तों वाले पौधों की पुटाई कर दें। पौधों को फूल और जड़ों के साथ पुटाई करके मन पसंद जगह पर लगा दें।