द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2020-05-08 14:48:10
Experts' advice for sowing of paddy crop
धान की सिफारिश की गई किस्में जैसे पी आर 129, पी आर 128, पी आर 127, पी आर 126, पी आर 124, पी आर 123, पी आर 122, पी आर 121, पी आर 114, पी आर 113 किस्मों की पनीरी की बिजाई मई के दूसरे पखवाड़े में पूरी कर लें। खेत में 12-15 टन गई सड़ी रूडी की खाद डालकर अच्छी तरह मिक्स करने के बाद पानी लगाएं ताकि नदीन उग जाए। नदीन को मारने के लिए एक बार फिर खेत की जोताई करें। खेत को अधिक पानी दें और कद्दू करें। कद्दू करने के समय 26 किलो यूरीया, 60 किलो सिंगल सुपरफास्फेट और 40 किलो जिंक सल्फेट (हेप्टाहाइड्रेट) या 25 किलो जिंक सल्फेट (मोनोहाइड्रेट) प्रति एकड़ के हिसाब से डालें। खेत में कियारी सोख के हिसाब से तैयार करें। बीज से होने वाली बिमारियों की रोकथाम के लिए बिजाई से पहले 3 ग्राम स्प्रिंट प्रति किलो के हिसाब से 10-12 ml पानी में घोल कर उपचार कर लें। जड़ गाँठ nematode के हमले से बचाव के लिए सरसों की खल 40 ग्राम प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से पनीरी की बिजाई से 10 दिन पहले खेत की रोणी के बाद आखिरी जोताई के समय डालें। उपचार किया एक किलो बीज प्रति 20 वर्ग मीटर के हिसाब से छींटा दें। लगातार पानी दे कर ज़मीन गीली रखें। बिजाई के 15 दिनों बाद 26 किलो यूरिया प्रति एकड़ ओर डालें। धान की पनीरी में नदीनों को अच्छी तरह खत्म करने के लिए 1200 ml बूटाक्लोर 50 ताकत या थाइयोबेनकारब 50 ताकत का प्रयोग करें। नदीनाशक का प्रयोग बिजाई के साथ दिनों के बाद करें। इस तरह नर्सरी की बिजाई के 15-20 दिनों के बाद nomino gold 10 SC 100 ml प्रति एकड़ को 150 लीटर पानी में घोल कर स्प्रे करने के साथ भी नदीनों की रोकथाम की जा सकती है। बीज उगने की पहली अवस्था पर 10 दिन तक पानी देना चाहिए बाद में लगातार पानी देते रहें। पानी की कमी के कारण हल्की रेतली ज़मीनों में लोहे की कमी आती है। यदि पानी के नए निकलने वाले पत्ते पीले दिखें तो 0.5-1 प्रतिशत फेरस सल्फेट (0.5-1 किलो फेरस सल्फेट 100 लीटर पानी ) के घोल के तीन छिड़काव हफ्ते हफ्ते के अंतराल पर करें। यदि पत्ते पर जंग लग जाए तो 0.5 प्रतिशत जिंक सल्फेट (21%) या 0.3% जिंक सल्फेट (33%) के घोल का छिड़काव करें।