विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2020-01-02 15:32:06

Experts' advice for Horticultural Operations in January

बागबानी के लिए माहिरों के द्वारा दिए गए सुझाव इस प्रकार हैं:

  • यह महीना आड़ू, आलूबुखारा और नाशपाती आदि की कांट-छांट के लिए बहुत ही अनुकूल समय है। इन पौधों की कांट छांट सिफारिश के अनुसार ही की जाती है। अंगूरों की कांट-छांट 15 फरवरी तक की जा सकती है।
  • जनवरी के दुसरे पखवाड़े तक नाशपाती, आड़ू और आलूबुखारा के नए पौधे लगा देने चाहिए। जनवरी में बिना गाची के बेर भी लग सकते हैं। इस महीने हर एक पौधे के पास जाकर ध्यान से देखें कि ठंड से बचाने के लिए जो थैली बाँधी थी वह ठीक है। यदि ठीक करने की आवश्यकता है तो ठीक कर दें। फलदार पौधों को अभी तक देसी रूडी डाल दें। यदि नहीं डाली तो यह ज़रूरी काम जल्दी पूरा कर दें। बेरों को इस महीने पानी दें क्योंकि इस महीने फलों की वृद्धि की अवस्था होती है। यह महीना साइट्रस के पौधों से टहनियां काटने का सही समय है क्योंकि फिर नया फुटाव शुरू हो जाता है।
  • कट लगे हुए स्थानों पर बोर्डो पेस्ट लगाएं। यदि जड़ से गूंद निकलती हो तो गूंद को चाक़ू से साफ़ कर बोर्डो पेस्ट लगाएं। पौधों के ऊपर बोर्डो मिश्रण का छिड़काव करें। आड़ू, आलूबुखारा और आम की घटिया किस्मों के पौधों की ऊपर के किनारे से कटाई करें। फिर इनसे नई शाखाएं निकलेंगी जिनकी फरवरी-मार्च में अच्छी किस्म के पौधों की कलम लगाई जाती है।
  • नाशपाती के पुराने पौधे ਨਵਿਆਉਣ के लिए इस समय तने की 3-4 शाखाओं को 15 सेंटीमीटर पर कट लगाएं और कटे हुए स्थानों पर बोर्डो पेस्ट लगाएं। साइट्रस की जड़ गलन गमोसिस और कैंकर की बिमारियों की रोकथाम के लिए बीमारी से प्रभावित टहनियों की कटाई कर दें और फिर कटाई वाले स्थान पर बोर्डो पेस्ट का घोल लगाएं।
  • आम के पुराने वृक्षों का नवीनीकरण करने के लिए जनवरी के पहले सप्ताह वृक्षों को ज़मीन के स्तर से 3 मीटर उचाई से काट दें और कटे हुए स्थानों पर बोर्डो पेस्ट लगा दें। ध्यान रखें कि कटे हुए वृक्षों की 4-5 बाहर की तरफ जाती शाखाएं बच जाएं।
  • आम के मिलीबग की रोकथाम के लिए वृक्षों के तनों के आस-पास 15-20 सेंटीमीटर चौड़ाई वाली तिलकवीं पट्टी बाँध देनी चाहिए। यह ज़मीन के स्तर से एक मीटर ऊँची हो। किन्नू और ब्लड रेड माल्टा की तोड़ाई के लिए यह उचित समय है। फल की तोड़ाई के समय ध्यान रखें कि फल डंडी बटन की तरफ कटाई की हो, नहीं तो लंबी डंडी दुसरे फलों को ज़ख़्मी कर सकती है और फल गल सकते हैं। जो फल तोड़ाई से 10-15 दिन के बाद खाने हो उन्हें एक-एक कर एच पी डी ई के लिफाफों में पैक कर सील करें या लिफाफे के मुँह को रबड़ के छल्ले से बंद करें। इस तरह पैक किये फल बिना कोल्ड स्टोर के आम कमरे में एक महीने तक रखे जा सकते हैं।