द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2020-04-03 11:25:34
Experts' advice for horticultural operations in April
पंजाब में अप्रैल के महीने में तापमान काफी बढ़ जाता है। इसके लिए फलदार और ख़ास करके नए लगाए छोटे पौधों को ज़्यादा पानी की ज़रूरत होती है। नए लगाए पौधे को सूखने और ज़्यादा गर्मी से बचाने के लिए हल्की सिंचाई करें। आडू की छाने-पंजाब और आलू बुखारा की काला-अमृतसरी और सतलुज पर्पल किस्मों के बढ़िया आकार के फल लेने के लिए ज़रूरी है कि पौधे पर ज़रूरत के अनुसार विरला करने का काम अप्रैल के पहले सप्ताह खत्म कर लें। अप्रैल के तीसरे सप्ताह तक आडू की प्रताप, शान-ए पंजाब और फ़्लोरड़ा प्रिंस किस्मों को 3-4 दिनों के अंतराल पर पानी देते रहें क्योंकि इस समय फल बहुत तेज़ी से बढ़ते हैं। नींबू जाति, नाख, लीची, आलूबुखारा और अंगूरों के फलदार वृक्षों को उर्वरकों की दूसरी खुराक डाल दें। नए लगाए बागों में अप्रैल के पहले सप्ताह सठी मूंगी की बिजाई की जा सकती है। नींबू जाति के पौधों पर जिंक की कमी पूरी करने के लिए 0.3 प्रतिशत जिंक सल्फेट (3 ग्राम प्रति लीटर पानी) के घोल का छिड़काव करें पर इसमें चूने का प्रयोग ना करें। यदि अमरुद का फल सर्दियों में लेना है तो 10 प्रतिशत यूरिया या एन.ए.ए. 600 मिलीलीटर ग्राम प्रति लीटर पानी का अप्रैल-मई में छिड़काव करें जब ज़्यादा से ज़्यादा फूल खुल गए हो और इस महीने पानी भी ना दें। टहनियों के 20-30 सेंटीमीटर ऊपर के किनारों को आखिर अप्रैल के दौरान काटने से भी बरसात ऋतु की फसल पूरी तरह रुक जाती है। नींबू जाति के पौधों पर नींबू के सिल्ले और चेपे की रोकथाम के लिए 200 मिलीलीटर क्रोकोडाइल/कंफीडोर 17.8 ताकत या 160 ग्राम एकटारा 25 ताकत 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें। ट्राईएजोफॉस सफेद मक्खी और थ्रिप के हमले को भी रोकेगी।