द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2019-08-20 13:43:14
Experts' advice for Agro Forestry
ज़्यादातर पेड़ जैसे कि सफेदा, बबूल, सुबाबुल, शीशम, ड्रेक, नीम, सागवान आदि के पौधे जुलाई-अगस्त (बरसात के मौसम) में लगाने चाहिए। पौधा लगाने के लिए गड्डे का आकार 50×50×50 सेंटीमीटर जिसमें 50 प्रतिशत गड्डे की ऊपर की मिट्टी और 50 प्रतिशत गोबर की खाद और 10 प्रतिशत लिंडिन (पाउडर) 10-15 ग्राम प्रति गड्डा मिलाकर भर लेनी चाहिए। पौधे का लिफाफा उतारकर गड्डे के बीच में लगाएं। यह ध्यान रखें कि लिफाफा उतारने के समय जड़ों और मिट्टी की चाक्ली को नुकसान ना हो। पौधा लगाकर उसी समय पानी लगा दें।
पोपलर : पहले 2 साल खरीफ की सभी फसलें (धान के अलावा) पोपलर में उगाई जा सकती है जैसे कि मक्की, ज्वार, बाजरा, गिन्नी घास आदि। बालों वाली सुंडी और पत्ता लपेट सुंडी से प्रभावित पोपलर के पत्तों को इकठ्ठा कर नष्ट करने से इन पर नियंत्रण किया जा सकता है।
सफेदा : सफेदा आम तौर पर खेतों के पास लगाया जाता है। खेती फसलों का पेड़ों के साथ धूप के लिए मुकाबला करने के लिए वृक्षों की कतारें उत्तर-दक्षिण दिशा में लगाएं। सफेदे के किनारों पर लगाई कतारों के साथ-साथ 10-15 मीटर चौड़ी क्यारी बीच की फसल को अलग फसल प्रबंध से उगाना चाहिए। दानों वाली फसलों की बजाए चारे की फसलें जैसे कि बाजरा, ज्वार की बिजाई 10-15 मीटर चौड़े पेड़ों के साथ लगते क्यारे में करनी चाहिए।