
Expert advice for vegetable farming in March

किसान भाई नीचे बताई हुई सब्जियों की देखभाल के लिए यह सुझाव ज़रूर प्रयोग करें:
मिर्च: मिर्च की सी एच-1, सी एच-3, सी एच-27, (हाईब्रिड) पंजाब संधूरी, पंजाब तेज, पंजाब गुच्छेदार और पंजाब सुर्ख की बिजाई करें। खेत तैयार करने से पहले 40 किलो यूरिया, 75 किलो सिंगल सुपर फास्फेट और 20 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश को प्रति एकड़ डालें और मेड़ें बनाएं। पनीरी मेडों के ऊपर 75 सेंटीमीटर और पौधों के बीच 60 सेंटीमीटर के फासले पर लगाएं और तुरंत पानी दें। फिर 10-12 दिनों के बाद पानी दें और मौसम के अनुसार दें।
प्याज़: खरीफ के प्याज़ की गठड़ियाँ तैयार करने के लिए मार्च के दुसरे पखवाड़े में एग्री फाउंड डार्क रेड की नर्सरी में बिजाई करें। एक एकड़ में 5 किलो बीज का प्रयोग करें। यह बीज 8 मरले में बेड बनाकर बिजाई करें।
रबी के प्याज़ की फसल पर थ्रिप कीड़ा प्याज़ के ऊपर के हिस्से में से रस चूसकर सफेद धब्बे डाल देता है। जामुनी धब्बे और पीले धब्बों की रोकथाम के लिए 300 ग्राम कैवियट 600 ग्राम इंडोफिल एम 45 और 200 मिलीलीटर नाइट्रोन या अलसी का तेल 200 लीटर पानी प्रति एकड़ छिड़काव करें।
भिंडी: अच्छी उपज लेने के लिए पंजाब सुहावनी किस्में बोयें। 40 किलो यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से खेत तैयार करने के समय डालें। 8—10 किलो बीज प्रति एकड़ के हिसाब से रात भर के लिए गुनगुने पानी में भिगो दें और मेंड़ें 45 सै.मी. के फासले पर पूर्व से पश्चिम दिशा की तरफ बनाएं और बिजाई दक्षिणी तरफ की ओर 4—5 बीज प्रति चोके के हिसाब से 15 सैं.मी. फासले पर दबा दें। 10 से 12 दिनों के बाद हल्का पानी दें।
कद्दू जाति की सब्जियां: प्रत्येक सब्जी को सिफारिश के अनुसार खाद डालें और ख़ालियाँ बनाएं। एक एकड़ खेत में डेढ़ से 2 किलो बीज का प्रयोग करें। फसल की आवश्यकता के अनुसार पौधों का फासला रखें और बढ़िया बीज हर चोक पर बोयें।
टमाटर: इस महीने के पहले पखवाड़े नाइट्रोजन की दूसरी खुराक डाल दें। 10 से 12 दिनों के बाद लगातार पानी देते रहें ताकि अच्छे फूल और फल बने। इस महीने के शुरू में पिछेते झुलस रोग की बीमारी टमाटर की फसल पर आ सकती है। इसकी रोकथाम के लिए इंडोफिल एम-45, 700 ग्राम का प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। अगर हमला गंभीर होने का खतरा हो तो इसकी रोकथाम के लिए रिडोमिल गोल्ड-500 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
इंडोफिल एम-45 का छिड़काव 7 दिनों के अंतराल पर करें। फल छेदक की रोकथाम के लिए 30 मि.ली. फेम 480 एस एल या 200 मि.ली. इंडोक्साकार्ब 14.5 ताकत या 60 मि.ली.कोराजन 18.5 ताकत प्रति एकड़ के हिसाब से 100 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
लोबिया: हरी फलियों के प्रयोग के लिए लोबिया 263 किस्म को 45 सेंटीमीटर की दूरी पर कतारें और बीज से बीज 15 सेंटीमीटर की दूरी पर बोयें। बिजाई के समय 45 किलो यूरिया, 100 किलो सिंगल सुपर फास्फेट और 16 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश प्रति एकड़ के हिसाब से डालें। लोबिया का 8-10 किलो बीज प्रति एकड़ के हिसाब से डालें।
आलू: बीज वाले आलू को ठंडे स्टोर में रखने से पहले अच्छी तरह छंटाई कर लें और झुलस रोग वाले दागी आलू जिन पर भूरे से जामुनी रंग के चटाख पड़ जाते हैं, बाहर निकालकर नष्ट कर दें। खरींड रोड और धफडी रोग वाले आलुओं की छंटाई करके बाहर निकाल दें।
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