द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2023-01-14 13:09:12
Dhingri mushroom cultivation time and method
मशरूम की खेती एक कमरे या झोपड़ी से शुरू की जा सकती है, इसलिए मशरूम की खेती छोटे या सीमांत किसानों और मज़दूरों के लिए एक बहुत ही लाभदायक व्यवसाय है। पंजाब की जलवायु और अधिक मात्रा में कृषि अपशिष्ट की उपलब्धता इसकी खेती को बहुत लाभदायक बनाती है। बटन मशरूम और ढींगरी मशरूम की खेती के लिए सर्दी का मौसम बहुत उपयुक्त है। अक्तूबर से मार्च तक का समय इसकी बुवाई के लिए उपयुक्त होता है, इस दौरान ढींगरी की तीन फसलें ली जा सकती हैं। एक किलो सूखे भूसे से लगभग 600-900 ग्राम ढींगरी मशरूम की तुड़ाई की जा सकती है।
ढींगरी मशरूम की खेती करने का तरीका:
गेहूं के भूसे को साफ पानी में 24 घंटे के लिए अच्छी तरह भिगो दें।
जब इसमें 70-75% नमी आ जाए तो अतिरिक्त पानी को निकाल दें।
गीले भूसे को 10% (सूखे भूसे के हिसाब से) मशरुम के बीज के साथ मोम के लिफाफे में बोएं।
बोये हुए लिफाफे को बांधकर मशरूम को घर में रख दें।
लगभग 20-25 दिनों के भीतर, लिफाफे में मशरुम का जाल विकसित हो जाएगा।
मोमी लिफाफे उतार दें और रोज़ फव्वारे द्वारा पानी दें ताकि 80-85% नमी बनी रहे।
कुछ ही दिनों में सीपी के आकार के मशरूम अंकुरित होने लगती हैं।
जिसे 4-5 दिन बाद तोड़कर सब्जी के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
इन्हें धूप में सुखाकर 6 महीने तक स्टोर भी किया जा सकता है।