द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2019-12-03 13:12:55
Agroforestry suggestion from experts for December
वन खेती के लिए माहिरों की तरफ से बताये गए सुझाव यह हैं:
पोपलर: पोपलर की खेती में प्याज़ दिसंबर के पहले पखवाड़े में लगा देने चाहिए।
पोपलर की कांट-छांट: लकड़ी उद्योग में हमेशा ही पोपलर के सीधे और साफ़ तने को पसंद किया जाता है। नए अंकुरण के समय में एक से ज़्यादा मुख्य शाखाएं बन जाती हैं जो कि इमारती वृक्षों में अनावश्यक समझी जाती हैं। एक सेहतमंद मुख्य शाखा ही रखें। बाकि की शाखाएं तेज़ चाकू या कैंची के साथ पौधे को नुकसान पहुंचाए बिना काट दें। यह काम पहले साल से शुरू करके जब तक सीधा एक तना 9-10 मीटर की उचाई तक नहीं हो जाता, करते रहें। कांट-छांट पौधों की वृद्धि और उम्र पर निर्भर करती है। वृक्षों के कटे हुए हिस्सों पर बोर्डोएक्स पेस्ट लगाना ना भूलें। ज़्यादा कांट-छांट ना करें क्योंकि इसके साथ नीचे के हिस्से से अतिरिक्त शाखाएँ निकलती हैं और काटी गई जगह (तना) ऊपर की तरफ आ जाती है जिससे लकड़ी की गुणवत्ता खराब होती है । कांट-छांट केवल मोटी शाखाओं की ही करनी चाहिए क्योंकि पतली शाखाएं पेड़ की वृद्धि में सयाहक होती हैं।
सफेदा: इमारती लकड़ी के लिए वृक्षों की कटाई 8 से 10 साल की उम्र के बाद कर दें, जब इनके तने की मोटाई 0.8-1.0 मीटर हो जाये (धरती से 1.37 मीटर की उचाई पर) पेपर और लुगदी के लिए सफेदे के पेड़ की कटाई 6 साल की उम्र के बाद करें। जब इनकी मोटाई 40 सेंटीमीटर हो जाये और बल्लियों के लिए सफेदे के पेड़ की कटाई 4 साल के बाद कर लें।
पेड़ों की कटाई सर्दियों में करनी चाहिए और उसके तने छाया में सुखाने चाहिए ताकि लकड़ी को घूमने और फटने से बचाया जा सके।
शीशम: शीशम की नर्सरी उगाने के लिए सेहतमंद और सीधे वृक्षों से फलियां इकट्ठी करके बीज के लिए सुखाकर और फिर हवा बंद बर्तन में संभाल लें।