द्वारा प्रकाशित किया गया था Maharana Pratap University of Agriculture & Technology, Udaipur
पंजाब
2021-01-26 11:20:53
Advisory related to Wheat, Mustard, Gram, Garlic and Fenugreek for the upcoming days
कोविड-19 के कारण किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए भारत सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों और सलाह के अनुसार सभी कृषि कार्यों के दौरान उचित अंतराल बनाए रखें, मास्क का उपयोग करें और साबुन से हाथ धोना सुनिचिश्त करें।
गेहूं- अभी गेहूं की फसल गाँठ अवस्था में है और इस समय क्रांतिक अवस्था पर सिंचाई करना अति आवश्यक है।
सरसों- सरसों में मोयला कीट के प्रबंधन के लिए acetamiprid 20% SP @ 150 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। इस मौसम में छाछया रोग के प्रकोप की आशंका रहती है। फसल पर लक्षण दिखाई देते ही sulphar dust किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या dinocap 48% EC 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
चना- चने में फली छेदक कीट के प्रबंधन हेतु "T" आकार की लकड़ी की खूंटिया (40 से 50 संख्या प्रति हेक्टेयर) एवं छ: pheromone ट्रैप प्रति हेक्टेयर लगाएं तथा कीट का प्रकोप दिखाई देते ही imamectin benzoate 5% SG 220 ग्राम प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें।
लहसुन- लहसुन की फसल में जड़ सड़न रोग के कारण पौधे की बढ़वार रुक जाती है तथा पत्तियों पर पीलेपन की समस्या सामने आती है तथा पौधा ऊपर से नीचे की और सूखता चला जाता है। संकरण के प्रारंभिक चरण में, पौधों की जड़ें सूखने लगती है, बल्ब के निचले सिरे सड़ने लगते है और अतत: पूरा पौधा मर जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए carbandezim 12% + mencozeb 63% WP @ 300 प्रति एकड़ या chlorothalonil 75% WP @ या 400 ग्राम प्रति एकड़ या thiophenet methyl 70% W/W 300 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
मेथी- अभी मेथी की फसल फली अवस्था में है और इस समय तुलासिता रोग का प्रकोप हो सकता है। इस रोग के बचाव के लिए mencozeb 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।