द्वारा प्रकाशित किया गया था India Meteorological Department State Agro-Meteorological Centre, Jaipur
पंजाब
2021-01-23 15:33:20
Advisory related to Wheat, Mustard, Gram, Garlic and Fenugreek for the upcoming days
गेहूं- अभी गेहूं की फसल गांठ अवस्था में है और इस क्रांतिक अवस्था पर सिंचाई करना अति आवश्यक है। इसलिए किसान भाइयों को सिंचाई करने की सलाह दी जाती है।
सरसों- सरसों की फसल पुष्पन अवस्था में है और इस समय मोयले का प्रकोप हो सकता है। इससे बचाने के लिए yellow sticky strip (12 से 15 पट्टी प्रति हेक्टेयर) लगाएं। या diamethoate 30 EC 875 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें।
चना- चने में फली छेदक कीट के नियंत्रण हेतु Pheromone traps 5 से 6 की संख्या प्रति एकड़ लगाएं। "T" अक्षर आकार के 4 से 5 प्रति एकड़ पक्षी बसेरा खेत के विभिन्न जगहों पर लगाएं अथवा पुष्पन के समय पर quinolphos 25 EC 1 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
लहसुन- जड़ सड़न रोग के कारण पौधे की बढ़वार रुक जाती है तथा पत्तियों पर पीलेपन की समस्या आती है तथा पौधा ऊपर से नीचे को ओर सूखता चला जाता है। संक्रमण के प्रारंभिक चरण में पौधों की जड़ें सूखने लगती है, बल्ब के निचले सिरे सड़ने लगते है और अंतत: पूरा पौधा मर जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए carbandezim 12% + mancozeb 63% wp @300 मिलीलीटर प्रति एकड़ या chlorothanlonil 75% wp @ या 400 ग्राम प्रति एकड़ या thiophenet methyl 70% W/W 300 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
मेथी- मेथी की फसल फली अवस्था में है और इस समय तुलासिता रोग का प्रकोप हो सकता है। इस रोग से बचाव क लिए Foliar 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।