विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था Maharana Pratap University of Agriculture & Technology, Udaipur
पंजाब
2021-01-07 11:15:35

Advisory related to Wheat, Mustard & Gram for next days

कोविड 19 के कारण किसानों और कृषि के क्षेत्र के लिए भारत सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों और सलाह के अनुसार सभी कृषि कार्यों के दौरान उचित अंतराल (दो गज दुरी) बनाएं रखें, मास्क का उपयोग  करें और साबुन से हाथ धोना सुनिचिश्त करें। पिछले सप्ताह हुई वर्षा एवं हल्के बदल छाये रहने के कारण सरसों में मोयला कीट की संभावना है। किसानों को मोयला कीट के लिए निरंतर निगरानी की सलाह दी जाती है एवं मोयला कीट का प्रबंधन करें। 

गेहूं- गेहूं में संकरी एवं चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार के नियंत्रण हेतु बुवाई के लिए 30 से 35 दिन बाद sulfosulfuron + metasulfuron methyl 32 ग्राम अथवा clodinaphop + metasulfuron methyl 60 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से  500 से 700 लीटर पानी में घोल बनाकर surfactant के साथ छिड़काव करें। गेहूं व जौ की फसल में पत्तियों पर धब्बे दिखाई देते है तो यह एक फफूंद जनित रोग है, इसके नियंत्रण हेतु Carbendazim 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल बनाकर छिड़काव करें। यदि पत्तियों में पीलापन दिखाई दे रहा है तो इसका मुख्य कारण है मुद्रा में जिंक पोषक तत्व की कमी है, इस हेतु 5 किलोग्राम zinc sulphate एवं 2.5 किलोग्राम चूना 24 घंटे के लिए अलग-अलग पात्र में पानी में घोलने के लिए रखें तत्प्श्चात इस घोल को छानकर 500 लीटर पानी में मिलाकर एक हेक्टेयर छेत्रफल में छिड़काव करें।

सरसों- सरसों में मोयला कीट के प्रबंधन के लिए yellow sticky strip (12-15 संख्या प्रति हेक्टेयर) लगाएं  तथा imidacloprid 20 SP 150 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। 

चना- चने में फली शेदक कीट के नियंत्रण हेतु imamectin benzoate 5 प्रतिशत SG 220 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।