द्वारा प्रकाशित किया गया था Maharana Pratap University of Agriculture and Technology, Udaipur
पंजाब
2020-12-09 13:30:09
Advisory related to Wheat, Barley, Mustard, Gram and Livestock for next four days
कोविड़ 19 के कारण किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए भारत सरकार द्वारा दिये गए दिशा निर्देर्शो और सलाह के अनुसार सभी कृषि कार्यों के दौरान उचित अंतराल (दो गज दूरी) बनाए रखें, मास्क का उपयोग करें और साबुन से हाथ धोना सुनिश्चित करें।
गेहूं- गेहूं की पिछेती बुवाई 15 दिसंबर तक करें। बीज की मात्रा 150 किलोग्राम प्रति हैक्टर रखें। समय पर बिजाई की गई फसल में प्रथम सिंचाई बुवाई के 20-25 दिन बाद जड़ जमाव अवस्था पर करें। प्रथम सिंचाई के 10-12 दिन के अन्दर कम से कम एक बार निराई-गुड़ाई कर खरपतवार निकाल दें। गेहूं की फसल में नत्रजन की एक तिहाई मात्रा बुवाई के समय देने के बाद शेष नत्रजन को दो बराबर भागों में बांटकर खड़ी फसल में प्रथम (20-25 दिन) एवं द्वितीय सिंचाई (40-45 दिन) के समय दें।
जौ- समय पर बुवाई की गई फसल में प्रथम सिंचाई बुवाई के 20-25 दिन बाद जड़ जमाव अवस्था पर करें। प्रथम सिंचाई के 10-12 दिन के अन्दर कम से कम एक बार निराई-गुड़ाई कर खरपतवार निकाल दें। जौ की फसल में शेष नत्रजन की आधी मात्रा खड़ी फसल में प्रथम सिंचाई (20-25 दिन) के समय दें।
सरसों- सरसों में फूल आने से पहले सिंचाई दें। सरसों में आरा मक्खी की रोकथाम हेतु इमिडाक्लोप्रिड 70 प्रतिशत डब्ल्यू एस 700 मिलीलीटर प्रति हेक्टर की दर से छिडकाव करें।
चने- चने की फसल में बुवाई के 20 से 25 दिन बाद टी आकार की येलो स्टीकी स्टिंप एवं फेरोमोन ट्रैप लगाएं तथा कीट (लार्वा) का प्रकोप दिखाई देते ही इमामेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिशत एस.जी्. 220 ग्राम प्रति हेक्टयर का छिड़काव करें।
पशुपलन- पशुपालन को सर्दी से बचाने का विशेष ध्यान रखें तथा रात्री के समय नवजात पशु की पीठ के चारों तरफ जूट की बोरी बांधे।