
Advisory related to pruning of citrus fruits

डाक्टर बलविंदर सिंह सहायक डायरेक्टर बागवानी-कम- नोडल अफसर नींबू जाति फल, पंजाब
1. फल सुखाने के बाद कांट-छांट की जाये और कांट-छांट के बाद बोर्डो मिश्रण की स्प्रे ज़रूरी है।
2. फल सुखाने के बाद पीएयू सिफारिश मुताबिक खाद डाली जाए।
3. फरवरी महीने में एकटारा दवाई की 160 ग्राम /एकड़ के हिसाब से स्प्रे करें।
4. गर्मी से बचाव के लिए पौधे के तने को छूने से रंगना चाहिए।
5. आने वाले समय में मौसम तबदीली को ध्यान में रखते हुए बाग़ की उत्तर पश्चिम दिशा में हवा को रोकने वाले पौधे लगाने चाहिए।
मालवा क्षेत्र में मौसम तबदीली को मुख्य रखते हुए निम्नलिखित बातों पर ध्यान रखा जाए।
1. पौधों को पानी 7-10 दिनों बाद लगाते रहें।
2. ज़मीन की जुताई ना की जाए।
3. बागों में पराली की मल्चिंग की जाए।
4. यदि हो सके तो माइक्रोसप्लीनर या रेन गन के साथ खेतो में माइक्रोक्लाइमेट पैदा की जाए।
5. सिंथेटिक पैराथ्राइड ग्रुप की स्प्रे न की जाए। कोशिश की जाए कि सभी सिफारिश की गई कीटनाशक दवाइयों की स्प्रे फरवरी के अंत में की जाए।
6. फूल आने के समय बागों में शहद की मक्खियों के बक्से रख दीजिये ताकि परागण क्रिया बढ़िया हो सके।
तुपका सिंचाई और फर्टिगेशन
जिन बागों में तुपका/ड्रिप सिंचाई की सुविधा होती है वहां ड्रिप सिंचाई और फर्टिगेशन तरीके से पानी और खादों का उचित और अच्छा प्रयोग करके उत्पादन में वृद्धि की जा सकती हैं। किन्नू में ड्रिप सिंचाई अलग-अलग महीनों में पौधे की उम्र के हिसाब से पानी की ज़रूरत निम्नलिखित दी गई है- किन्नू में ड्रिप के द्वारा पानी की मात्रा (लीटर/दिन/पौधे)।
महीना
|
पौधे की उम्र | ||||
0-2 | 3-4 | 5-6 | 7-8 | 9 या उससे ज़्यादा | |
फरवरी | 6 | 12 | 18 | 24 | 30 |
मार्च | 9 | 18 | 27 | 36 | 45 |
अप्रैल | 13 | 25 | 39 | 52 | 65 |
माहिर कमेटी
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