द्वारा प्रकाशित किया गया था GKMS,BIHAR AGRICULTURAL UNIVERSITY
पंजाब
2020-11-28 11:54:06
Advisory related to crop
गेहूं- सिंचित एवं समयकालीन गेहूं की किस्मों की बुआई किसान भाई 5 दिसंबर तक जल्द से जल्द सम्पन्न कर लें। उत्तर बिहार के लिए सिंचित एवं समयकालीन गेहुँ की PBW-343,PBW-443,CBW-38,DBW-39, HD-2733, HD-2967, HD-2824, K-9107, K-307, HUW-206 एवं HUW-468 किस्में अनुषंसित है। बीज को बुबाई से पहले बेबीस्टीन 2.5 ग्राम की दर से प्रति किलोग्राम बीज को उपचारित करें। छिटकबाँ विधि से बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 125 किलोग्राम तथा सीड ड्रिल से पंक्ति में बुआई के लिए 100 किलोग्राम बीज का व्यवहार करें। बुआई पूर्व खेत में 150-200 क्विटल कम्पोस्ट, 60 किलोग्राम नेत्रजन, 60 किलोग्राम फाॅसफोरस एवं 40 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें।
रबी मक्का- रबी मक्का की बुआई 30 नवंबर तक सपन्न कर लें।अन्यथा उपज प्रभावित हो सकती है। बुआई के लिए संकर किस्में शक्तिमान 1 सफेद, शक्तिमान 2 सफेद, शक्तिमान-3 पीला, शक्तिमान 4 पीला, शक्तिमान-5 पीला, गंगा 11 नारंगी पीला, राजेन्द्र संकर मक्का 1, राजेन्द्र संकर मक्का 2 एवं राजेन्द्र संकर मक्का दीप ज्वाला तथा संकुल किस्में-देवकी सफेद, लक्ष्मी सफेद एवं सुआन पीला इस क्षेत्र के लिए अनुशंषित है। खेत की जुताई में 50 किलोग्राम नेत्रजन, 75 किलोगा्रम फास्फोरस एवं 50 किलोगा्रम पोटाष प्रति हेक्टर की दर से प्रयोग करें।
राई- राई की पिछेती किस्में राजेन्द्र अनुकूल, राजेन्द्र सुफलाम एवं राजेन्द्र राई पिछेती की बुआई इस माह के अंत तक कर लें।राई की फसल जो 20 से 25 दिनों की हो गयी है उसमें निकौनी तथा बछनी कर पौधे से पौधे की दुरी 12-15 सेंटीमीटर रखें।आवष्यकतानुसार सिंचाई करें।