जौ- फसल की पिछेती बुवाई माह के मध्य तक कर लें।
मसूर की दाल- मसूर की विलम्ब से बुवाई माह के मध्य तक कर लें। मसूर के पंत एल 406 प्रजाति प्रयोग करें।
गन्ना- गन्ने की फसल की कतई तुरंत करें ताकि उसके बाद गेहूं की बुवाई की जा सके।
लहसुन- लहसुन की फसल में निराई और गुड़ाई करनी चाहिए।
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