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द्वारा प्रकाशित किया गया था Dr. Rajendra Prasad Central Agricultural University, Pusa, Samastipur, Bihar
पंजाब
2021-04-16 12:35:35

टमाटर और जिमीकंद की खेती करने वाले किसानों के लिए सुझाव

रबी फसल की कटाई के बाद खाली खेतों की गहरी जुताई कर खेत को खुला छोड़ दें ताकि सूर्य की तेज धूप मिटटी में छिपे कीट के अंडे, प्यूपा रोग के जीवाणु एवं खरपतवार के बीजों को नष्ट कर दें। 

सब्जियां- गर्म सब्जियों जैसे भिंडी, करेला, लौकी और खीरा की फसल में आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई एवं सिंचाई करें। सब्जियों में कीट एवं रोग व्याधि की निगरानी प्राथमिकता से करते रहें। कीट का प्रकोप इन फसलों में दिखने पर मैलाथियान 50 EC या डायमेथोएट 30 EC दवा का 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव मौसम साफ़ रहने पर करें।

टमाटर- टमाटर की फसल को फल छेदक कीट से बचाव हेतु खेतों में पक्षी बसेरा लगाएं। कीट से ग्रसित फलों को इकठ्ठा कर नष्ट कर दें। यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड 48 EC प्रति मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव मौसम साफ़ रहने पर करें। 

जिमीकंद- जिमीकंद की रोपाई करें। रोपाई के लिए गजेंद्र किस्म अनुशंषित है। प्रत्येक 0.5 किलोग्राम के कंद की रोपनी के लिए दुरी 75x75 सेंटीमीटर रखें। 0.5 किलोग्राम से कम वजन की कंद की रोपाई न करें। बीज दर 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से रखें। बुवाई से पूर्व गड्ढा 3 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर, 20 ग्राम अमोनियम सल्फेट या 10 ग्राम यूरिया, 37.5 ग्राम सिंगल सुपरफास्फेट एवं 16 ग्राम पोटाशियम सल्फेट का व्यवहार करें।