विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था CSK Himachal Pradesh Agricultural University, Palampur
पंजाब
2020-12-12 12:18:46

आने वाले पांच दिनों में टमाटर, फूलगोभी, मटर और आलू से संबंधित परामर्श

टमाटर- सब्जियों में फल छेदक, शीर्ष छेदक एवं फूलगोभी व पत्तागोभी में डायमंड बेक मोथ की निगरानी हेतू फिरोमोन प्रपंच @ 3 से 4 प्रति एकड़ लगाएं तथा प्रकोप दिखाई दे तो स्पेनोसेड दवाई 1.0 मिली लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें। फ्रूट बोरर की निगरानी के लिए फेरोमोन ट्रैप @ 2 से 3 ट्राप प्रति एकड़ फसल की स्थापना की सलाह दी जाती है। मिर्च के खेत में माईट कीट की निरंतर निगरानी करते रहें। मिर्च के खेत में विषाणु रोग से ग्रसित पौधों को उखाड़कर ज़मीन में गाड़ दें । उसके उपरांत अनुमोदित दवाई का इमिडाक्लोप्रिड @ 0.3 मिली लीटर प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें।

फूलगोभी- फूलगोभी की पनीरी की रुपाई समाप्त करें व जड़दार सब्जियों जैसे मूली शलगम, जर पालक की सुधरी प्रजातियां की बिजाई करें।

मटर- मटर की बुवाई में ओर अधिक देरी न करें अन्यथा फसल की उपज में कमी होगी तथा कीड़ों का प्रकोप अधिक हो सकता है। बीजों को कवकनाशी केप्टान या थायरम @ 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से मिलाकर उपचार करें उसके बाद फसल विशेष राईजोबियम का टीका अवश्य लगायें। गुड़ को पानी में उबालकर ठंडा कर लें और राईजोबियम को बीज के साथ मिलाकर उपचारित करके सूखने के लिए किसी छायेदार स्थान में रख दे तथा अगले दिन बुवाई करें। प्रदेश के निचले क्षेत्रों में जड़दार सब्जियों जैसे मूली, शलगम, गाजर, पालक की सुधरी प्रजातियां की बिजाई करें। जड़दार सब्जियों जैसे मूली, शलगम, गाजर, पालक की सुधरी प्रजातियां की निराई गुड़ाई करें। 

आलू- आलू के पौधों की ऊंचाई यदि 15 से 22 सेंटीमीटर हो जाए तब उनमें मिट्टी चढ़ाने का कार्य जरूरी है अथवा बुवाई के 30 से 35 दिन बाद मिट्टी चढ़ाई का कार्य सम्पन्न करें निराई गुड़ाई करें तथा खरपतवार निकाल दें।

अन्य सब्जियां- सरसों साग पालक तथा धनिया में खरपतवार नियंत्रण करें, जड़दार सब्जियों जैसे मूली, शलगम, गाजर पालक की सुधरी प्रजातियां की निराई गुड़ाई करें। हरी प्याज़ की पौध की रोपाई उथली क्यारियों पर करें। पौधशाला को भी उथली क्यारियों में लगायें। लहसुन की बिजाई का समय है, प्याज़ में बुवाई से पहले बीजों को केप्टान @ 2.5  ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार अवश्य करें।