विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था CSK Himachal Pradesh Agricultural University, Palampur
पंजाब
2020-12-24 12:11:32

आने वाले पांच दिनों के लिए गेहूं, दलहनी, सरसों और चारे से संबंधित परामर्श

गेहूं- गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवार के 2 से 3 पत्ती अवस्था में अनुशंसित रसायनों का छिड़काव करें। गेहूं की रतुआ संवेदनशील अगेती बुवाई किस्मों में पीला रतुआ बीमारी के लक्षण जैसे गेहूं के पत्तों पर पीले रंग के छोटे-छोटे दाने सीधी धारियों में प्रकट हों व दूसरी ओर पत्तों में पीलापन दिखाई दें तो अनुशंसित रसायनों का छिड़काव करें व 15 दिन के अंतराल पर दोहराएं।

दलहनी- दलहनी फसलों में अगर खरपतवार नियंत्रण रसायनों का प्रयोग न किया गया हों तो यह समय इन फसलों में निराई गुड़ाई करने का है।  चने की फसल में फली छेदक सुंडी के प्रकोप के प्रति सावधान रहे तथा हरे रंग की सुंडी फसल पर प्रकट होते ही साइपरमैथरीन 30 मिलीलीटर प्रति 30 लीटर पानी प्रति कनाल का प्रयोग करें। मसूर खरपतवार नियंत्रण करें। चने में झुलसा रोग से बचाव के लिए बीज का डाईथेन M-45 (2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज) से उपचार करें।

सरसों- किसानों को सापेक्ष आद्रता को ध्यान में रखते हुए सफेद रतुआ पेटेंड/चित्रित बग और एफिड हमले के हमले के खिलाफ  सरसों की फसल की निगरानी के लिए सलाह दी जाती है, यदि सफेद रतुआ का संक्रमण अधिक है तो Dithane M-45 @ 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के छिड़काव की सलाह दी जाती है। सरसों में चेंपा को काट कर नष्ट करके रोगोर या क्विनलफॉस 2.0 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। तिलहनी फसलों में अगर खरपतवार नियंत्रण रसायनों का प्रयोग न किया गया है तो यह समय इन फसलों में निराई-गुड़ाई करने का है। समय पर बोई गई सरसों की फसल में विरलीकरण तथा खरपतवार नियंत्रण का कार्य करें। जहाँ सरसों, गोभी सरसों तथा राया की बिजाई के लिए एक महीना हो गया हो तो खरपतवार नियंत्रण के लिए आईसोप्रोटूरान रसायन की 60 ग्राम प्रति कनाल के हिसाब से 30 लीटर पानी में घोल छिड़काव करें।

अनाज भंडारण- भंडारित अनाज की जांच करें तथा कीट नज़र आए तो सेल्फॉस गोलिया @ 3 गोली प्रति टन अनाज की दर से प्रयोग करें तथा ढाँचे को अच्छी तरह से सील कर दें।

चारा- जई तथा बरसीम की बुवाई की फसलों में खरपतवार नियंत्रण करें। पहली कट के दौरान चारे के पौष्टिक उत्पादन के लिए गोभी सरसों के बीज जोड़ें। बरसीम की चाईनीज सरसों की खेती करना लाभदायक है अगर खेत में पहली बार बिजाई की जा रही है तो राइजोवियम कल्चर से टीकाकरण करें।