द्वारा प्रकाशित किया गया था ICAR- Indian Agricultural Research Institute, New Delhi
पंजाब
2021-01-15 12:04:41
आने वाले दिनों के लिए फूलगोभी, पालक, गाजर, प्याज और मटर से संबंधित परामर्श
फूलगोभी- कद्दूवर्गीय सब्जियों की अगेती फसल की पौध तैयार करने के लिए बीजों को छोटी पालीथीन के थेलों में भर कर पॉली हाउस में रखें। इस मौसम में तैयार बन्दगोभी, फूलगोभी, गांठगोभी आदि की रोपाई मेड़ों पर कर सकते हैं।
पालक- इस मौसम में पालक, धनिया, मेथी की बुवाई कर सकते हैं। पत्तों की बढ़वार के लिए 20 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ की दर से छिड़काव कर सकते हैं।
गाजर- यह मौसम गाजर का बीज बनाने के लिए उपयुक्त है अत: जिन किसानों ने फसल के लिए उन्नत किस्मों की उच्च गुणवत्ता वाले बीज का प्रयोग किया है तथा फसल 90-105 दिन की होने वाली है, वे जनवरी माह के प्रथम पखवाडें में खुदाई करते समय अच्छी, लंबी गाजर का चुनाव करें, जिसमें पत्ते कम हो। इन गाजरों के पत्तो को 4 इंच का छोड़ कर उपर से काट दें। गाजरों का भी उपरी 4 इंच हिस्सा रखकर बाकी को काट दें। अब इन बीज वाली गाजरों को 45 सेंटीमीटर की दूरी पर कतारों में 6 इंच के अंतराल पर लगाकर पानी लगाए।
प्याज- इस मौसम में तैयार खेतों में प्याज की रोपाई करें। रोपाई वाले पौध छ: सप्ताह से ज्यादा की नहीं होने चाहिए। पौधों को छोटी क्यारियों में रोपाई करें। रोपाई से 10-15 दिन पूर्व खेत में 20-25 टन सड़ी गोबर की खाद डालें। 20 किलोग्राम नेत्रजन, 60-70 किलोग्राम फ़ॉस्फोरस तथा 80-100 किलोग्राम पोटाश आखिरी जुताई में ड़ालें। पौधों की रोपाई अधिक गहराई में ना करें तथा कतार से कतार की दूरी 15 सेंटीमीटर पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर रखें।
मटर- मटर की फसल पर यूरिया या पोटेशियम सल्फेट 2 % के घोल का छिड़काव करें। जिससे मटर की फल्लियों की सख्याँ में बढोतरी होती है साथ ही फसल का पाले से भी बचाव होता है।