विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था Dr. Rajendra Prasad Central Agricultural University, Pusa, Samastipur, Bihar
पंजाब
2020-12-14 15:03:09

आने वाले चार दिनों के लिए टमाटर, प्याज, मटर, और आलू से संबंधित परामर्श

टमाटर- टमाटर की फसल में फल छेदक कीट की निगरानी करें।इसके पिल्लू फल में घुसकर अंदर से खाकर पूरी तरह फल को नष्ट कर देते हैं, जिससे प्रभावित फलों की बढ़वार रुक जाती है और वे खाने लायक नहीं रहते, पूरी फसल बरबाद हो जाती है।फल छेदक कीट से बचाव हेतु खेतों में पक्षी बसेरा लगायें। कीट का प्रकोप दिखाई देने पर सर्वप्रथम कीट से क्षतिग्रस्त फलों की तुराई कर नष्ट कर दें एवं उसके बाद स्पीनेसेड 48 ई सी/1 मिलीलीटर प्रति 4 लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें। सब्जियों वाली फसल में निकौनी करें।

प्याज- प्याज के 50-55 दिनों के तैयार पौध की रोपाई करे। इसके लिए खेत को समतल कर छोटी-छोटी क्यारियाँ बनाएं। क्यारियों का आकार, चैड़ाई 1.5 से 2.0 मीटर तथा लंबाई सुविधानुसार 3-5 मीटर रखे। प्रत्येक दो क्यारियों के बीच जल निकासी के लिए नाले अवष्य बनावे। पाँक्ति से पाँक्ति की दुरी 15 सेंटीमीटर पौध से पौध की दुरी 10 सेंटीमीटर पर रोपाई करे। खेत की तैयारी में 15 से 20 टन गोबर की खाद, 60 किलोग्राम नेत्रजन, 80 किलोग्राम फाॅंसफोरस, 80 किलोग्राम पोटाश  तथा 40 किलोग्राम सल्फर प्रति हेक्टेयर का व्यवहार करें।पिछात प्याज की पौधषाला से खरपतवार निकाल कर हल्की सिंचाई करें।

मटर- अगात मटर की फसल में अच्छे फलन के लिए 2 प्रतिशत यूरिया के घोल का छिड़काव करें। चने, मटर और टमाटर की फसल में फली छेदक कीट निगरानी करें।कीट से बचाव हेतु फिरोमोन प्रपंश/3-4 प्रपंश प्रति एकड़ की दर से लगाएं।यदि कीट अधिक हो तो बी.टी. नियमन का छिड़काव करे।

आलू- गत माह के लगाये गये आलू की फसल में पौधों की उँचाई 12-15 सेंटीमीटर हो जाने पर आलू में निकौनी कर मिट्टी चढ़ाने का कार्य करे। आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।