द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2022-03-26 09:45:16
न्यूमोनिया में फेफड़ों में सोजिश आ जाती है, पानी भर जाता है और पशु सांस सही से नहीं लेता। यह छोटे और बड़े जानवर में हो जाती है। पशु के गर्म-सर्द होने से, बंद शेड, नमी वाले वातावरण में पशु रखने से या मुँह द्वारा गलत तरीकों से दवा देने से हूथू आने से न्यूमोनिया हो सकता है।
निशानियां
पशु सही से सांस नहीं लेता और सांस लेने के समय आगे-पीछे हिलता रहता है।
हल्का या तेज़ बुखार हो जाता है और पशु सुस्त रहता है।
चारा खाना छोड़ देता है।
गंभीर हालत में पशु मुँह खोल कर सांस लेता है और नाक से गाड़ा पीला या हरा तरल निकलता है।
इलाज और रोकथाम
रोगी पशु को बाकि पषुओं से अलग कर दें और जल्दी से जल्दी इलाज शुरू करवाएं।
गर्मी सर्दी से बचा कर रखें।
इलाज के लिए 7 से 10 दिन तक एंटीबायोटिक दवा का प्रयोग करें, खुराक में धातु के मिश्रण का प्रयोग।