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2019-04-05 13:33:18

रिलायंस फाउण्डेशन की किसानों को सलाह

गेहूं में अनावृत कंडुआ रोग से ग्रसित बालियां निकाल कर प्लास्टिक की थैलियों में डालें और गड्डा खोद कर दबा दें व आधा किलो मैन्कोजेब 250 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।

  • फसलों की कटाई के बाद नरवाई खेत में न जलायें। 
  • जायद फसल जैसे मूंग, उड़द, भिण्डी एवं कद्दू सब्जियों की बोनी की तैयारी करें। ग्रीष्मकालीन मूंग की जातियां जैसे पीएनएम-11, जेएम 721,टीजेएम तथा  उड़द की जातियां उड़द-2,पीडीयू-1, टीपीयू-4 इत्यादि का चयन करें।
  • सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने पर मार्च के पहले सप्ताह में मक्का (बेबीकॉर्न, स्वीटकॉर्न), मूंगफली एवं सूरजमुखी की बुआई करें।

उद्यानिकी

  • करेले की उन्नत किस्मों में मुख्य रूप से अभिषेक, अनुपम, अर्काहरित, इंडाम ग्रीनलांग, इंडाम सफेदलांग, कल्याणपुर बारहमासी, प्रिया, पूसा-2 मौसमी, पूसा विशेष, शक्ति, सुभद्रा आदि साधारण किस्में हैं। वहीं करेले की संकर किस्मों में काशी, उर्वशी, एनएस-1018, एनएस-1020, एनएस-1024, एनएस-434, एनएस-461 मुख्य हैं। इसके अलावा अमरतारा, कोहिनूर, इंडाम-1124 को भी लगाकर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

पशुपालन

  • मक्का की हरे चारे के लिए गंगा 2, विजय और अफ्रीकन टाल प्रजातियों का चुनाव करें। दाने के लिए 4212, पूसा अगेती संकर मक्का 2, गंगा 11 प्रजातियों का चुनाव करें। खरपतवारों के नियंत्रण के लिए एट्राजिन 50 प्रतिशत घुलनशील पाउडर की 800 ग्राम मात्रा को 250 लीटर पानी में घोल बनाकर एक एकड़ खेत में छिड़काव करें। 

स्रोत: Krishak Jagat