बकरियां थोड़ा थोड़ा करके हर तरह के चारे को खाना पसंद करती हैं, जबकि भैंसें/गायें एक तरह का चारा पसंद करती हैं।
बकरियां, खुरली में से बहुत सारा चारा बाहर गिरा देती हैं, जिससे काफी नुकसान हो सकता है।
बकरियों के लिए एक विशेष किस्म का फीडर प्रयोग करने से इस समस्या से निज़ात पायी जा सकती है।
दूसरा, बकरियों को हमेशा थोड़ा थोड़ा करके चारा डालना चाहिए।
बकरियों की खुराक हर हालत में ताजी, साफ—सुथरी और किसी किस्म की गंध से रहित होनी चाहिए।
बकरियां गीला, बासी और पैरों से कुचला हुआ चारा नहीं खाती।
बकरियां फलीदार चारे को बहुत पसंद करती हैं। फलीदार चारे में बरसीम, शफतल, लूसर्न, सेंजी आते हैं।
इसके साथ साथ मुंगी, मांह, अरहर, सोयाबीन और मूंगफली के सुखे हुए पत्ते भी खुश होकर खाती हैं।
चरी, बाजरा, मक्की, आचार और तूड़ी इन्हें ज्यादा पसंद नहीं है।
बकरियां गंदा पानी पीने से कतराती हैं।
पानी साफ—सुथरा रखने के लिए कुंड इस तरह की बनाएं, जिसमें वृक्षों के पत्ते, चारे के तिल्ले, फीड, धूल—मिट्टी, मींगने या किसी और तरह का कार्बनिक मादा दाखिल ना हो सके।