द्वारा प्रकाशित किया गया था Dr. Rajendra Prasad Central Agricultural University, Samastipur, Bihar
पंजाब
2020-09-07 13:56:01
सब्जियां:
सब्जियों की नर्सरी में लाही, सफेद मक्खी व चूसक कीड़ों की निगरानी करें। ये कीट विषाणु जनित रोग के लिए वाहक का काम करते है। इससे बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रिड दवा का 0.3 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें।
स्वस्थ एवं सुडौल आकार वाली सब्जियों के उत्पादन के लिए किसान भाई ट्राईकोडरमा खाद से मृदा उपचार कर सब्जियों की रोपाई करें। सब्जियों की नर्सरी, प्याज, फूलगोभी, हल्दी, मिर्च, बैंगन में आवष्यकतानुसार निराई-गुड़ाई एवं सिंचाई करें। कीट-व्याधि की नियमित रुप से निगरानी करें।
पत्तागोभी की अगात किस्मों की बुआई नर्सरी में करें। इसके लिए प्राइड ऑफ इंडिया, गोल्डेन एकर, पूसा मुक्ता, पूसा अगेती एवं अर्ली डंम हेड किस्में अनुषंसित है।
टमाटर की नर्सरी उथली क्यारियों में पंक्तियों में गिरावें। मिर्च, बैंगन, टमाटर की नर्सरी में लाही, सफेद मक्खी व चूसक कीड़ों की निगरानी करें। ये कीट विषाणु जनित रोग के लिए वाहक का काम करते है जिससे पौध के पत्ते टेढ़े-मेढ़े होकर सिकुड़कर रोगग्रस्त हो जाते हैं। यह बड़ी तेजी से एक पौधे से दुसरे पौधे में फैलता है। इससे बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रिड दवा का 0.3 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें।
बैंगन की तैयार पौध की रोपाई करें। रोपण से पहले 1 ग्राम फ्युराडान 3 जी दानेदार दवा प्रति पौधा की दर से जड़ के पास मिट्टी में मिलाकर रोपाई करें।