द्वारा प्रकाशित किया गया था Dr. Rajendra Prasad Central Agricultural University, Samastipur, Bihar
पंजाब
2020-09-07 13:12:13
धान:
धान की फसल में ब्राउन प्लांट हॉपर कीट की निगरानी करें। यह मच्छरनुमा कीट पौधा की पत्तियों एवं तने से रस चूसता है जिससे पत्तियां सूखी हुई तथा भूरे रंग की हो जाती हैं। प्रारंभ में यह एक स्थान में रहते हैं जो बाद में सारे खेत में फैल जाते हैं एवं कभी-कभी यह पूरी फसल को नष्ट कर देती हैं। यदि प्रकोप दिखाई दे तो इमिडाक्लोप्रिड/ 0.3 मिलिलतर प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर आसमान साफ रहने पर छिड़काव करें।
धान की फसल में खैरा बीमारी दिखाई पड़ने पर खेतों में जिंक सल्फेट 5.0 किलोग्राम तथा 2.5 किलोग्राम बुझा चूना का 500 लीटर पानी में घोल बनाकर एक हेक्टेयर में छिड़काव करें।
धान की फसल में पत्ता लपेट 1⁄4 लीफ फोल्डर 1⁄2 कीट की निगरानी करें। इस कीट के पिल्लू धान के पत्तियों के दोनों किनारों को रेशमी धागे से जोड़कर उसके अन्दर रहते हैं तथा पत्तियों की हरीत्तिमा को खाता है। इस प्रकार का लक्षण दिखाई देने पर बचाव के लिए cartap hydrochloride दानेदार दवाई का 10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
दाल:
सितंबर अरहर की पूसा-9 एवं शरद प्रभेद की बुआई उचॅास जमीन में करें। उत्तर बिहार के लिए यह अनुसंषित प्रभेद है। बुआई के 24 घंटे पूर्व 2.5 ग्राम थीरम दवा से प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें। बुआई के ठीक पहले उपचारित बीज को उचित राईजोबियम कल्चर से उपचारित कर बुआई करनी चाहिए।
उड़द और मूंग की फसल में पीला मोजैक वायरस से ग्रस्त पौधों की पुटाई कर नष्ट कर दें। बीमार पौधों की पत्तियों पर पीले सुनहरे चकत्ते पाएं जाते हैं एवं बीमारी की उग्र अवस्था में पूरी पत्ती पीली पड़ जाती है। पत्तियाॅं आकार में छोटी हो जाती हैं। पुष्प एवं फलन प्रभावित हो जाती है। यह रोग सफेद मक्खी द्वारा फैलता है। रोग के विस्तार से बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रिड एक मिलीलीटर प्रति 3 लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।