द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना
2020-04-29 17:36:02
पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की तरफ से विकसित और सिफारिश की गई सात नई किस्में
पंजाब में सामान्य खेती के लिए पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने सात नई किस्में विकसित और सिफारिश की हैं। इनमें धान की PR 128, PR 129 और HKR 47, चारे वाली मक्की की J 1007, मूंगफली की J 87, मक्के की JC 12 और बाजरे की PCB 165 शामिल हैं। पंजाब के कृषि निदेशक डॉ. स्वतंत्र कुमार ऐरी की अध्यक्षता में आयोजित राज्य विविधता अनुमोदन समिति की बैठक के दौरान सभी किस्मों को मंजूरी दी गई। पीएयू के डायरेक्टर आफ रिसर्च डॉ.नवतेज सिंह बैंस और डायरेक्टर आफ एक्सटेंशन एजूकेशन डॉ. जसकरन सिंह महल के अनुसार, सभी किस्मों की विशेषताओं पर गहन चर्चा की गई।
PR 128 धान की यह किस्म PAU 201 की उन्नत किस्म है। इसके दाने लंबे पतले और स्पष्ट पारदर्शी होते हैं। इसके पौधे का औसतन कद 110 सैं.मी.होता है रोपाई के बाद यह किस्म 11 दिनों में पक जाती हैं। यह किस्म पंजाब राज्य बैक्टीरियल ब्लाइट पैथोजन के 10 प्रचलित पैथोटाइप्स के प्रतिरोधक है। इस किस्म की औसतन उपज 30.5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
PR 129 धान की यह किस्म PAU 201 की उन्नत किस्म है। इसके दाने लंबे पतले और स्पष्ट पारदर्शी होते हैं। इसके पौधे का औसतन कद 105 सैं.मी.होता है। रोपाई के बाद यह किस्म 108 दिनों में पक जाती हैं। यह किस्म पंजाब राज्य बैक्टीरियल ब्लाइट पैथोजन के 10 प्रचलित पैथोटाइप्स के प्रतिरोधक है। इस किस्म की औसतन उपज 30.0 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
HKR 47 यह धान की मध्य अगेती पकने वाली किस्म है। रोपाई के बाद यह किस्म पकने के लिए 104 दिनों का समय लेती है और इसके पौधे का औसतन कद 117 सैं.मी. होता है। यह किस्म बैक्टीरियल ब्लाइट पैथोजन के 10 प्रचलित पैथोटाइप्स के संवेदनशील है और यह अस्थाई जगह से ग्रस्त होने वाली किस्म है। इस किस्म की औसतन उपज 29.5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म चावल आधे पकाने के लिए उपयुक्त है।
J 1007 चारे वाली मक्की की यह किस्म पत्ते के झुलस रोग और चारकोल गलन बीमारी के प्रतिरोधक है। इस किस्म की हरे चारे की उपज 175 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। इस किस्म के हरे चारे में J 1006 किस्म के हरे चारे से बेहतर पोषण तत्व हैं।
J 87 इस किस्म की बसंत और खरीफ के मौसम में बिजाई के लिए सिफारिश की गई है। यह मूंगफली की अर्ध सीधी और गुच्छेदार किस्म है। बसंत के मौसम के दौरान इसकी 15.3 क्विंटल प्रति एकड़ फलियों की उपज होती है। जबकि खरीफ के मौसम के दौरान इसकी फलियों की उपज 12.8 क्विंटल प्रति एकड होती है। यह किस्म पकने के लिए 112 दिनों का समय लेती है।
JC 12 मक्की की इस किस्म की औसतन उपज 18.2 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म लगभग 99 दिनों में पक जाती है। यह 279 ग्राम भार के 1000 दानों के साथ बालियों की उपज 84 प्रतिशत देती है।
PCB 165 यह किस्म बाजरे की दोहरे उद्देश्य वाली किस्म है। यह बाजरे की मुख्य बीमारियों के प्रतिरोधक है। इसके दाने पॉपिंग के लिए उपयुक्त होते हैं। इस किस्म के दानों की पैदावार PCB 164 किस्म के दानों की पैदावार 11.04 क्विंटल प्रति एकड़ की तुलना में 12.8 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। इस किस्म के चारे की उपज FBC 16 किस्म के चारे की उपज 214 क्विंटल प्रति एकड़ की तुलना में 234 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।