द्वारा प्रकाशित किया गया था गोविंद बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड
पंजाब
2022-03-24 09:24:20
Consultation for farmers cultivating wheat, mustard and gram
गेहूं- फसल में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।
गुल्ली डंडा व जंगली जई आदि खरपतवारों को निकालकर नष्ट कर दें।
गेहूं में माहू का प्रकोप होने पर, Thiamethoxam 25 WG @ के 100 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर का या Imidacloprid 17.8 SL के 140 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर 500-600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
15 दिन पर दूसरा छिड़काव करें।
छिड़काव सुबह या शाम उस समय करें जबकि बारिश या तेज़ हवा नहीं चल रही हो।
सरसों- राई की तैयार फसल की कटाई व मड़ाई करें तथा दानो को सुखकर भंडारित कर लें।
चना- चने की फसल में फली बनते समय आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करें।
चना में झुलसा रोग के लिए Mancozeb 75% WP का 2.5 ग्राम प्रति लीटर की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।
चने की पत्तियां पीली पड़ कर झड़ने लगें, उस समय कटाई करें।
कटाई सुबह के समय हसिया से करें तथा 6-7 दिन धूप में सुखा कर गहाई करें।