विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था गोविंद बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड
पंजाब
2022-02-22 09:20:42

Advisory for the farmers who are cultivating Wheat, Gram and Mustard crop

गेहूं- पर्वतीय क्षेत्रों में सिंचित दशा में बोई गई फसल में वर्षा न होने पर पुष्पावस्था में आने पर सिंचाई करें।

  • गेहूं में माहू का प्रकोप होने पर, Thiamethoxam 25 WSG के 100 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर का या Imidacloprid 17.8 SL के 140 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर का 500-600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
  • 15 दिन पर दूसरा छिड़काव करें।
  • छिड़काव सुबह या शाम उस समय करें जबकि बारिश या तेज हवा नहीं चल रही हों।

सरसों- सरसों व राई में आवश्यकतानुसार दाना भरने की अवस्था पर सिंचाई अवश्य करें।

  • सरसों में Sclerotinia rot दिखाई देने पर, संक्रमित पौधे को हटाकर जला दें और carbendazim का 1 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।

चना- चना में फल बेधक के नियंत्रण हेतु, Indoxacarb 15.8 EC के 400-500 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर को 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

  • फसल में फूल आने से पूर्व आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।