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Posted by GB Pant University
Punjab
2018-04-23 11:55:45

ब्लास्म ब्लाइट या एन्थ्रेक्नोज से कैसे करें बचाव 

उधम सिंह नगर, उत्तराखंड 

1.प्याज मे पत्ती झुलसा रोग के नियंत्रण हेतु टेबुकोनाजोल या डिफिनोकोनाजोल या प्रोपीकोनाजोल का 500 मिली0 प्रति है0 की दर से किसी सर्वांगी कीटनाशी का स्टीकर के साथ मिलाकर छिड़काव करे।

2.कद्दू वर्गीय सब्जियो मे पत्ती धब्बा रोग के नियंत्रण हेतु मैनकोजेब 2.5 किग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करे।

3.टमाटर व मिर्च की फसल मे सिक ुड़े हुए चित्तकबरे पत्ते दिखाई द ेने पर ग ्रसित पौधो को निकालकर नष्ट करे। तथा रस चूसने वाले कीड़ो के नियत्रण्ंा हेतु सर्वागीं कीटनाशी का छिड़काव करें। पछेती झुलसा रोग के प्रकोप से बचाव हेतु मैनकोजेब 2.5 ग्रा0/ली0 या काॅपर आॅक्सीक्लोराइड 3.0 ग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिडकाव करे।

4.लहसुन की फसल इस माह के अन्त तक फसल त ैयार हो जायगी। फसल काटने से 15 दिन पूर्व सिंचाई बन्द कर दें।

5.मटर की पकी हुई फसल की कटाई करे व पौधो को 1-2 दिन तक खेत में सूखन े दे।

6.हल्दी, अदरक एवं अरबी की बुवाई करे।

7.ब्लास्म ब्लाइट या एन्थ्रेक्नोज का प्रकोप होने पर 0.1 प्रतिशत कार्वन्डाजिम (1.0 ग्राम/लीटर) का छिड़काव करना चाहिए।

8.जब आम का फल मटर के दाने के बराबर हो जाय तो सिंचाई शुरू कर देनी चाहिए।

9.गुम्मा रोग से ग्रस्त बौर को तोड़कर निकाल देना चाहिए। 

10.थाले बनाकर 10-15 दिनों के अन्तराल पर दो-तीन सिंचाई करनी चाहिए।

11.फलों को गिरने से रोकने के लिए 20 पी0पी0एम0, एन0ए0ए0 (0.02 ग्राम /लीटर का छिड़काव करना चाहिए।