1.लहसुन की फसल इस माह के अन्त तक फसल तैयार हो जायगी। फसल काटने से 15 दिन पूर्व सिंचाई बन्द कर दें।
2.मटर की पकी हुई फसल की कटाई करे व पौधो को 1-2 दिन तक खेत में सूखने दे।
3.हल्दी, अदरक एवं अरबी की बुवाई करे।
4.कद्दू वर्गीय सब्जियो मे पत्ती धब्बा रोग के नियंत्रण हेतु मैनकोजेब 2.5 किग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करे।
5.टमाटर व मिर्च की फसल मे सिकुड़े हुए चित्तकबरे पत्ते दिखाई देने पर ग्रसित पौधो को निकालकर नष्ट करे। तथा रस चूसने वाले कीड़ो के नियत्रण्ंा हेतु सर्वागीं कीटनाशी का छिड़काव करें। पछेती झुलसा रोग के प्रकोप से बचाव हेतु मैनकोजेब 2.5 ग्रा0/ली0 या काॅपर आॅक्सीक्लोराइड 3.0 ग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिडकाव करे।
6.फ्रासबीन में तनो पर सफेद रूई जैसी बढ़वार दिखाई देने पर ग्रसित हिस्से/पौधो को निकालकर नष्ट कर दें तथा कार्बडाजिन 1 ग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड ़काव करें।
7.प्याज और लहसुन की पत्तियाॅ उपर से पीली पड़ने पर प्रोपीकोनाजोल या टेबूकोनाजोल का 1 मिली0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करे।
8.फल अच्छादन होने के उपरान्त मैंगो हौपर के प्रकोप होने की स्थिति में इमिडाक्लोप्रिड का 3 मि0ली0/10लीटर के हिसाब से आम में छिड़काव करें।
9.चूर्णिलासिता (पाउड्री मिल्डयू) के प्रकोप होने की स्थिति में घुलनशील गंधक 2 ग्रा0/लीटर के हिसाब से छिड़काव करें। अगर तापमान अधिक है तो कैराथेन का 6 मि0ली0/10 लीटर के हिसाब से छिड़काव करें।