टमाटर व मिर्च की फसल मे रोर्पाइ करने से पूर्व करें ये कार्य
नैनीताल, उत्तराखंड
टमाटर व मिर्च की फसल मे रोर्पाइ करने से पूर्व जड़ो को एमिडाक्लाेरपिड 1 ग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर 10-15 मिनट तक डुबाने के बाद रोर्पाइ करे।
टमाटर व मिर्च की फसल मे अगेती रोपी र्गइ फसल में सिकुड़े हुए चित्तकबरे पत्ते दिर्खाइ देने पर ग्रसित पौधाे को निकालकर नष्ट करे। तथा रस चूसने वाले कीड़ो के नियत्रंण हेतु सर्वागीं कीटनाशी का छिड़काव करें।
फ्रासबीन आैर मटर की फसल में तनो पर सफेद र्रूइ जैसी बढ़वार दिर्खाइ देने पर ग्रसित हिस्से/पाैधो काे निकालकर नष्ट कर दें तथा कार्ब डाजिन 1 ग्रा0 प ्रति ली0 पानी की दर से घाेल बनाकर छिड़काव करें।
ऊॅर्चाइ वाले पर्व तीय क्षेत्रो में जहाॅ गोबर आैर अन्य उर्व रक पहले डाल दिये गये थे, नत्रजन की शेष आधी मात्रा का प्रयोग करे।
बगीचो में मधुमक्खियो से भरे बक्सों का प्रबन्ध लगभग 2-3 बक्से/एकड़ के हिसाब से करे।
कीड़ो एवं रोगों के निराकरण हेतु बगीचो मे फूल आते समय नियंत्रक दर्वाइ यों का प्रयोग कर्तइ न करें। इससे मधुमक्खियों के मरने का डर रहता है।
घाटी क्षेत्रों में टमाटर, शिमलामिर्च तथा बैंगन की तैयार पौध का रोपण 60 से 60 से0मी0 दूरी पर इस माह के द्वितीय पखवाड़े में करें।
मटर में पौधों की सूखने एवं निचली पत्तियां पीले पड़ने की अवस्था में कार्ब न्डाजिम 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर जड़ों की सिंर्चाइ करें ।
प्याज और लहसुन की पत्तियाॅ उपर से पीली पड़ने पर प्रोपीकोनाजोल या टेबूकोनाजोल का 1 मिली0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करे।
गोभीवर्गी य सब्जियाे में पत्तीधब्बा रोग के नियत्रंण हेतु मैन्कोजेब का 2.5 ग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घाेलबनाकर छिड़काव करे।