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Posted by GB Pant University
Punjab
2018-03-07 10:12:57

मटर, प्याज, लहसून, आलू और प्याज आदि फसलों में रोग प्रबंधन 

उधम सिंह नगर, उत्तराखंड

1.मटर की पत्तियो पर पीले चकत्ते दिखाई देने पर प्रोपीकोनाजोल 1 मिली0/ली0 की दर से घोल बनाकर छिड़काव करे।

2.मटर में पौधों की सूखने एवं निचली पत्तियां पीले पड़ने की अवस्था में कार्बन्डाजिम 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर जड़ों की सिंचाई कर ें ।

3.प्याज और लहसुन की पत्तियाॅ उपर से पीली पड़ने पर प्रोपीकोनाजोल या टेबूकोनाजोल का 1 मिली0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव कर े।

4.आलू एवं टमाटर की फसल में पछेती झुलसा रोग के प्रकोप से बचाव हेतु मैनकोजेब 2.5 ग ्रा0/ली0 या काॅपर आॅक्सीक्लोराइड 3.0 ग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिडकाव कर े।

5.टमाटर में पीलापन लिए हुए भूरे धब्बे दिखाई देने पर मैन्कोजेब 2.5 से 3.0 ग ्राम प्रति लीटर की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।

6.गोभी वर्गीय सब्जियो में पत्ती धब्बा रोग के नियत्रंण हेतु मैन्कोजेब का 2.5 ग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करे।

7.फल पेड़ों  ें भुनगा कीट के नियंत्रण हेतु ऐमिडाक्लोरपिड 17.8 एस0एल0 का 0.03 मि0ली0/लीटर की दर से प्रथम छिड ़काव पुष्पगुच्छ की शुरूआत में करें। फल की मटर अवस्था पर थियामैथौक्ज ैम से दूसरा छिड़काव 0.32 ग्राम/लीटर और तीसरा छिड़काव केवल आवश्यकता पड़ने पर दसूरे छिड़काव के 21 दिन बाद एन0एस0के0ई0 5 प्रतिशत का 5 मि0ली0/लीटर की दर से करें।