1.पातगोभी एवं फूलगोभी में निराई गुड़ाई करे यूरिया की टाॅप डेªसिंग व खेत में नमी बनाकर रखें।
2.10 जनवरी के आस-पाास आलू की फसल की पत्तियो की कटाई करें।
3.आलू एवं टमाटर की फसल मं े पछेती झुलसा रोग के प्रकोप से बचाव हेतु मैनकोजेब 2.5 ग्रा0/ली0 या काॅपर आॅक्सीक्लोराइड 3.0 ग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिडकाव करे।
4.टमाटर मंे पीलापन लिए हुए भूरे धब्बे दिखाई देन े पर मैन्कोजेब 2.5 से 3.0 ग्राम प्रति लीटर की दर से घोल बनाकर छिड़काव करंे।
5.बैगन के मुर्झाने की अवस्था मे कार्बन्डाजिम 1.0 गा्र म प्रति लीटर की दर से छिड़काव करंे। यदि पूरा पौधा सूख रहा हो तो इसी घोल से जड़ों की सिंचाई करें।
6.मटर में पौधों की सूखने एवं निचली पत्तियां पीले पड़ने की अवस्था में कार्बन्डाजिम 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर जड़ों की सिंचाई करें ।
7.गोभी वर्गीय सब्जियो मंे पत्ती धब्बा रोग के नियत्रंण हेतु मैन्कोजेब का 2.5 ग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव कर।े
8.नए बागों को पाल े से बचाव के लिए सिंचाई करंे।
9.करी कीट के नियत्रं ण हेतु पालीथीन स्ट्रिप का प्रयोग करंे ताकि इन कीटांे को पौधों के ऊपर चढऩ े से रोका जा सके। इसके लिए 25 से 30 सेमी चैड़ी पालीथीन लके र पौधों के मुख्य तना पर जमीन की सतह से लगभग 30-40 सेमी ऊपर पौधांे के तनों के चारों ओर से लपेट दें। लपेटने के उपरान्त पालीथीन की निचली तथा ऊपरी सतह पर ग्रीस या खराब तेल का प्रयोग करते हुए पालीथीन के दोनों शिरों को रस्सी से बांध दें।