Expert Advisory Details

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Posted by GB Pant University
Punjab
2017-12-04 07:27:32

जी. बी. पंत यूनिवर्सिटी की तरफ से इस हफ्ते नैनीताल के किसानों के लिए उद्यान प्रबंध सलाह 4 December 2017 1.सिंचित घाटी क्षेत्रों में मेथी, पालक तथा हरे पत्ते एवं मसाले के लिए धनियां की फसल मं े सिंचाई कर समय-समय पर ग ुड़ाई करे। 2.पर्वतीय क्षेत्रो मं े यदि पूर्व में पाॅलीहाउस के भीतर सब्जी राई-पौध का प्रतिरोपण हुआ हो तो उपयुक्त नमी की अवस्था में यूरिया की टॅापडे ªसिंग कर गुड़ाई करें। यदि पत्ते कटाई हेतु तैयार हों तो बाजार मं े बिक्रि करें। 3.मध्यम पर्वतीय असिंचित क्षेत्रों में जहां ओला गिरने की संभावना कम रहती हो, में अर्कि ल मटर की बुवाई करे। 4.घाटी क्षेत्रो में पूर्व म ें बोय े गय े आलू की फसल में पाले क े बचाव हेत ु समय-समय पर सिंचाई करते रहे। 5.सिंचित घाटियों में यदि प्याज की पहाडी किस्मो की पौध त ैयार हो गयी हो तो प्रतिरोपण कर ें। 6.आलू के अग ेती फसल में भूर े गोल धब्बे दिखाई द ेन े पर मैन्कोजेब 2.5 ग्राम प्रति लिटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। 7.मटर की बुवाई से पूर्व बीज को थीरम 2 ग्राम $ कार्बन्डाजिम 1 ग्राम प्रति किग ्रा बीज या ट्राईकोडर्मा 6 से 10 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से उपचारित करने के बाद बुवाई करें। 8.मिर्च एवं टमाटर में उपरी पत्तियाॅ सिक ुड़ने या चित्तकबरी होन े की स्थिति म ें संक्रमित पौधो कों निकालकर नष्ट कर द े तथा रोगवाहक कीटो के निय ंत्रण हेत ु किसी सर्वांगी कीटनाशी का छिड़काव कर े। 9.गोभी वर्गीय सब्जियो में पत्ती धब्बा रोग के नियत्रंण हेत ु मैन्कोजेब का 2.5 ग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करे। 10.टमाटर की फसल में पत्तियां सिकुड़न े की अवस्था म ें प्रभावित पौधों को निकालकर नष्ट कर द ें एवं किसी सर्वा ंगी कीटनाशी का छिड़काव कर ें। 11.मध्यम पर्वतीय क्षेत्रों मं े बैंगन एवं शिमलामिर्च के फलों की तुड़ाई करें तथा रोग युक्त फलो/पŸिायों या पौंध अवशेषों को खेत से बाहर कर ें। 12.सेब की पत्तियों पर यूरिया 5 प्रतिशत का छिड़काव पत्ते झड़न े की अवस्था से एक सप्ताह पूर्व कर ें। 13.ऊँचाई वाले क्षेत्रों में जंगली खुमानी, आड़ू, महे ल, जंगली नाशपाती, सेब आदि का बीज इकट्ठा करके सुखायें। तद्पश्चात् उचित उपचार के पश्चात ् बोन े की प्रक्रिया शुरू कर ें। 14.खाद उर्वरक तथा फफूदीनाशक/कीटनाशक दवाईयाँ जो गढ्ढों मे ं भरत े समय मिट ्टी में मिलाई जाती है का प्रबन्ध उचित मात्रा में कर लें। 15.पर्णपाती पौधों में लगाय े जान े वाले पौधों की उत्तम किस्मों का आरक्षण अभी से कर ले अन्यथा बाद में अच्छे पौधें न मिलने पर परेशानी हो सकती है। 16.थाले बनान े का कार्य प्रारम्भ कर ें तथा पेड़ क े तनों पर चूना $ नीला थोथा तथा अलसी के त ेल क्रमशः 30 कि0ग्रा0, 500ग ्रा0 और 500 मि0ली0 को 100 लीटर पानी में घोलकर जमीन से 2.3 फिट तक पुताई का कार्य करें।