Expert Advisory Details

Posted by GB Pant University
Punjab
2018-08-14 11:40:04

पशुपालन के लिए मौसम आधारित कृषि सलाह 

नैनीताल, उत्तराखंड 

 मुर्गी पालन के उत्पादन में अधिक से अधिक लाभ हेतु मुर्गियो का समय से टीकाकरण करवायें।

 यदि पशुओं को जुएं या चीचड़ लग गये हो तो उन पर सुमिथियोन 1 प्रतिशत का छिड़काव करें। 

 पशु को ब्याने के बाद अच्छी तरह से साफ-सफाई करके यूटरोटाने/हरीरा/गाइनोटोन नामक दवा में से किसी एक दवा की 200 मिली मात्रा सुबह शाम तीन दिनों तक गर्भाशय की सफाई हेतु देनी चाहिए।

 पशुओं को बारिश का पानी नहीं पिलाना चाहिए।

 पशुओ को संक्रामक रोग से बचाने हेतु टीकाकरण करवायंे।

 अगस्त का महीना गाय/भैंसों की ब्याने का समय होता है अतः प्रसव प्रकोष्ठ को साफ-सुथरा करके इस्तेमाल हेतु तैयार रखें।

 प्रसव के तुरन्त बाद नवजात बच्चे की साफ-सफाई कर उसकी नाभी को धागे से बांधकर किसी साफ चाकू या ब्लेड से काटकर उस पर जैन्सन वायलेट पेन्ट अथवा टिंचर आयोडीन लगाना चाहिए।

 अचानक तजे घूप व तेज वर्षा से पशुओं को बचायें क्योंकि इसकी वजह से त्वचा में जलन जैसा विकार उत्पन्न हो जाता है।

 इस ऋतुओं में कृमियों का प्रकोप बढ़ जाता है और इससे बचने के लिए कृमिनाशक का उपयोग निकटतम पशु चिकित्सक की सहायता से करें।

 ज्यादा हरे चारे से घोड़ों में केलिक होने का खतरा रहता है अतः इससे बचें।