नत्रजन की आधी बची मात्रा का यूिरया के रुप में टाप ड्रेसिंग दो बार में कल्ला फूटते समय रोपाई के 20 दिन बाद तथा बाली बनने की प्रारम्भिक अवस्था यानि रोपाई के 40-50 दिन पर प्रयोग करें। नाइट्रोजन के टाॅप ड्रेसिंग के समय खेत मे पर्याप्त नमी होना चाहिए तथा पत्तों पर वर्षा की बूंदे न हो।
दलहनी एवं गन्ने की फसल में जल निकासी की उचित व्यवस्था करे।
रोपित धान में खरपतवार के नियत्रंण हेतु प्रेटीलाक्लोर 50 ईसी रोपाई के तीन दिन के अंदर 1.5-2.0 लीटर मात्रा को 500 लीटर पानी मे घोल बनाकर छिड़काव करे।
साइहैलोफाॅप ब्यूटाइल 10 ईसी की 1 लीटर मात्रा को 500 लीटर पानी मे घोल बनाकर रोपाई के 20-25 दिन बाद प्रयोग करें।
रोपित धान में खरपतवार के नियत्रंण हेतु ब्यूटाक्लोर (50 ईसी) (व्यापारिक नाम-मचेटी बेलाक्लोर, कैपक्लोर, पैराक्लोर) की 3 लीटर मात्रा को 750 ली0 पानी में घोल बनाकर रोपाई के 3 दिन के अंदर प्रयोग करे। या
बिस्पायरिबैग सोडियम (10 ईसी) (नाॅम्नीगोल्ड) 200 से 250 मिली0 मात्रा को रोपाई के 20-25 दिन के बाद 500 ली0 पानी का घोल बनाकर प्रयोग करने से हर प्रकार के खरपतवारो का नियत्रण्ंा हो जाता हैं। या मैट सल्फयूराॅन मिथाइल़ क्लोरो सल्फयूराॅन इथाइल की 20 ग्रा0 मात्रा को 500 ली0 पानी मंे घोल बनाकर रोपाई के 20-25 बाद या खरपतवार के 3-4 पत्ती आने की अवस्था पर प्रयोग करने पर चैड़ी पत्ती एवं मौथा वर्गीय खरपतवारो का नियत्रण्ंा हो जाता है।